देश के उत्तर और पश्चिम में कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने जीवन को तहस नहस किया है तो वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में जुलाई के महीने में भी भीषण गर्मी ने बुरा हाल कर रखा है।
दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश के बाद हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत और पुनर्वास कार्य पर असर पड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
दिल्ली पहले से ही अभूतपूर्व जलजमाव और बाढ़ से जूझ रही है, जिसके कारण 27,000 से अधिक लोगों को उनके घरों से निकाला गया है और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों ने दिल्ली की बाढ़ के लिए यमुना के फ्लडप्लेन्स पर अतिक्रमण, थोड़े समय के भीतर अत्यधिक वर्षा और गाद जमा होने को जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं पिछले कुछ हफ़्तों से भारी बारिश से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी ने कहा है कि राज्य में 26 से 28 जुलाई के बीच तीन दिनों तक शिमला, सिरमौर, सोलन, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतरिम सहायता के रूप में केंद्र से ₹2,000 करोड़ की मांग की है और कहा है कि बाढ़ पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने के लिए राहत मैनुअल में बदलाव किया जाएगा। अत्यधिक भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड में भी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई हैं। हरिद्वार में बाढ़ से करीब 53,000 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं, वहीं बद्रीनाथ हाइवे पर भूस्खलन से यात्रा अवरुद्ध हो गई। न्यू टिहरी और दूसरे कई जिलों में फंसे हुए सैलानियों को भी सुरक्षित निकला गया।
महाराष्ट्र में बारिश के चलते रायगढ़ जिले में पिछले हफ्ते इरशालवाड़ी गांव में भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घर नष्ट हो गए। यवतमाल जिले में भी भारी बारिश से बाढ़ जैसे स्थिति उत्पन्न हो गई, और फंसे हुए लोगों को निकालने लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी।
मुंबई में भी पिछले 2-3 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर जलजमाव हुआ जिससे लोगों को ट्रैफिक जाम और लोकल ट्रेनों में देरी से जूझना पड़ा। अनुमान है कि आगामी एक हफ्ते तक मुंबई में बारिश जारी रहेगी।
गुजरात के कुछ हिस्सों में भी पिछले दिनों लगातार भारी बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भी भारी जलजमाव की तस्वीरें सामने आईं। जूनागढ़ में रिहायशी इलाकों में भीषण बाढ़ आने के कारण कई मवेशी और वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए। वहीं राजकोट में लोगों को गंभीर जलजमाव का सामना करना पड़ा।
कर्नाटक में भी सक्रिय मानसून ने बाढ़ का खतरा पैदा कर दिया है और भारी बारिश के बाद कई छोटी नदियां उफान पर हैं। कई जिलों में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है और तटीय इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
दूसरी और उत्तर प्रदेश और बिहार में उमस भरी गर्मी का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग का कहना है कि चूंकि मानसून की टर्फ लाइन अभी भी मध्य प्रदेश के पास है इसलिए उत्तर प्रदेश में बारिश नहीं हो रही है। मानसून के उत्तरी भाग में पहुंचने पर प्रदेश के लोग राहत की उम्मीद कर सकते हैं। अनुमान था कि राज्य में 22 जुलाई के बाद गर्मी से राहत मिलेगी लेकिन पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 35-36 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।
वहीं बारिश की राह देख रहे बिहार में भी आने वाले दिनों में गर्मी और उमस से राहत मिलने की उम्मीद कम है। प्रदेश में बीते दो महीनों के दौरान केवल 340 मिलीमीटर वर्षा हुई है। ऐसे में धान की फसल पर भी संकट मंडरा रहा है।
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