कूनो नेशनल पार्क में अबतक चार चीतों की मौत हो चुकी है।

चीतों को राजस्थान भेजने पर विचार करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट

कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर चीतों को राजस्थान में स्थानांतरित करने पर विचार करें।

कोर्ट के ऐसा कहने के कुछ ही दिनों बाद कूनो पार्क में एक चीता का शावक की भी मौत हो गई। नामीबिया से लाई गई चीता ‘ज्वाला’ ने मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था जिनमें से एक की मंगलवार को मौत हो गई।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट और लेखों से ऐसा लगता है कि कूनो में इतनी बड़ी संख्या में चीतों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, और सरकार उन्हें अन्य अभयारण्यों में शिफ्ट करने पर विचार कर सकती है।

कूनो पार्क में इससे पहले तीन चीतों की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले एक नर चीते के हिंसक हमले में मादा चीता ‘दक्षा’ मारी गई थी। उससे पहले मार्च में ‘साशा’ की मौत किडनी इंफेक्शन की वजह से हुई थी, और अप्रैल में नर चीते ‘उदय’ ने इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से दम तोड़ दिया था।

दिलचस्प बात यह रही कि कोर्ट के चीता विशेषज्ञों के लेखों और रिपोर्ट्स के उल्लेख पर सरकारी वकील ने कहा कि भारत में कोई चीता विशेषज्ञ नहीं हैं क्योंकि 1947-48 में चीते देश से विलुप्त हो गए थे। इसके बाद बेंच ने शीर्ष अदालत द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति से कहा कि वह 15 दिनों के भीतर नेशनल चीता टास्कफ़ोर्स को अपने सुझाव दे ताकि उन पर विचार किया जा सके।    

यूएई ने कॉप28 में सीरिया को बुलाया, पश्चिमी देश हो सकते हैं नाराज़

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा कॉप28 जलवायु शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। यूएई का कहना है कि वह दुबई में होनेवाले सम्मलेन में “हर किसी को मौका देना” चाहता है।

लेकिन यूएई इस कदम से पश्चिमी नेताओं के बीच बेचैनी बढ़ सकती है, जो सीरिया की सरकार के साथ राजनयिक संबंधों को बहाल करने का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कॉप 28 की लीडर्स समिट जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर असद का स्वागत किया जाना चाहिए।

युद्ध अपराध और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप झेल रहे सीरियाई राष्ट्रपति के साथ कुछ अरब देश संबंध सामान्य करने का प्रयास कर रहे हैं। यूएई के इस निमंत्रण को इन्हीं प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।

किरेन रिजिजू को मिला पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का एकल कार्यभार

केंद्रीय  मंत्री किरेन रिजिजू को नया पृथ्वी विज्ञान मंत्री बनाया गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत मौसम, जलवायु, समुद्र विज्ञान के साथ भूकंप विज्ञान से जुड़ी जानकारियां एकत्र करना और शोध  आते हैं। एक अलग मंत्रालय के रूप में इस मिनिस्ट्री की स्थापना साल 2006 में हुई थी और अब तक साइंस और टेक्नोलॉज़ी मंत्री को ही पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार दिया जाता रहा, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि इस दो मंत्रालयों के अलग-अलग मंत्री हैं। 

यूपीए के कार्यकाल में कपिल सिब्बल, पृथ्वीराज चौहान, पवन बंसल, वयालार रवि, विलासराव देशमुख और जलपाल रेड्डी  विज्ञान और तकनीकी के साथ इस मंत्रालय को संभाल चुके हैं और एनडीएक के कार्यकाल में डॉ हर्षवर्धन और अब जितेन्द्र सिंह इन मंत्रालयों के प्रभारी रहे लेकिन रिजिजू पहले शख्स हैं जिनके पास केवल पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ही होगा। साइंस और टेक्नोलॉजी अभी जितेन्द्र सिंह के पास है। 

फ्रांस ने छोटी अवधि की उड़ानों पर लगाया प्रतिबंध

फ्रांस ने औपचारिक रूप से छोटी अवधि की घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। एयरलाइन उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से फ्रांस ने उन मार्गों की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिन्हें ढाई घंटे से कम समय में ट्रेन से तय किया जा सकता है।

यह नियम ज्यादातर पेरिस और क्षेत्रीय हब जैसे नैनटेस, ल्योन और बोर्डो के बीच हवाई यात्राओं पर लागू होगा, लेकिन कनेक्टिंग फ्लाइट्स पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा।

नए कानून में यह अनिवार्य किया गया है कि इन मार्गों पर रेल सेवाएं बढ़ाई जाएं जो यात्रियों की बढ़ी संख्या के लिए पर्याप्त हों और उनकी जरूरतों  को  पूरा कर सकें।

यह कदम फ्रांसीसी राजनेताओं के निजी जेट से होनेवाले उत्सर्जन को कम करने के तरीकों पर हो रही बहस के बीच आया है।

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