चीनी वादा: चीन का कहना है कि वह देश के बाहर कहीं नया कोयला बिजलीघर नहीं लगायेगा पर उसने इसे क्रियान्वयन का रोडमैप नहीं दिया है। फोटो – Pixabay

देश के बाहर कोयला बिजलीघर नहीं लगायेगा चीन

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि देश के बाहर चीन कोई नया कोयला बिजलीघर नहीं लगायेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में जिनपिंग ने कहा कि चीन दूसरे विकासशील देशों को साफ ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाने में मदद करेंगे हालांकि इस बारे में कुछ साफ नहीं है कि चीन यह काम किस तरह करेगा। फिर भी यह घोषणा महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के तहत वियेतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों में कोल प्रोजेक्ट लगा रहा है। हालांकि बीआरआई के तहत कई कोयला और ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट्स की फंडिंग की गई है लेकिन साल 2021 की पहली छमाही में कोई प्रोजेक्ट में फंडिंग नहीं की गई 

यूरोपियन यूनियन और अमेरिका ने 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में 30% कटौती का संकल्प किया, सात अन्य देश में हुए शामिल 

अमेरिका और यूरोपियन यूनियन(ईयू)   के साथ सात देशों ने पिछले हफ्ते अपने मीथेन उत्सर्जन में 30% तक कटौती का संकल्प किया है। जिन क्षेत्रों से ये देश अपना मीथेन इमिशन कम करेंगे उनमें कृषि, बन्द हो चुकी कोयला खदानें,  तेल और गैस क्षेत्र शामिल हैं। मीथेन वातावरण में कम देर तक रहती है लेकिन दो दशकों के समय अंतराल में CO2 के मुकाबले यह 84 प्रतिशत अधिक वॉर्मिंग करती है। जो सात देश अमेरिका और ईयू के साथ शामिल हुए हैं उनमें यूके, इंडोनेशिया, इटली, अर्जेंटीना, मैक्सिको, घाना और ईराक शामिल हैं।   

भारत-अमेरिका ने लॉन्च किया संयुक्त क्लाइमेट एक्शन प्लेटफॉर्म 

जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिये साफ ऊर्जा (सौर और पवन) टेक्नोलॉजी चाहिये जिस पर भारी निवेश करना होगा। यह क्लाइमेट एक्शन के तहत मुख्य चुनौती है खास तौर से भारत और अन्य विकासशील देशों के लिये। अमेरिका और भारत ने सोमवार को एक संयुक्त क्लाइमेट एक्शन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जो इस राह को आसान बनाने के लिये है। पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी के साथ यह प्लेटफॉर्म लॉन्च करते हुए उम्मीद जताई कि पेरिस समझौते में किये गये वादों के अनुसार क्लाइमेट फाइनेंस जुटाने में इससे मदद मिलेगी।   

टाइगर सफारी के लिये 10,000 पेड़ कटे? 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यानी एनटीसीए में दायर एक याचिका में शिकायत की गई है कि उत्तराखंड के कार्बेट नेशनल पार्क के संरक्षित इलाके में टाइगर सफारी के लिये 10,000 पेड़ काटे गये जबकि केवल 163 पेड़ ही काटने की अनुमति मांगी गई थी। साल 2019 में डिस्कवरी चैनल के ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ कार्यक्रम – जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया गया था – के दौरान इस सफारी का विचार हुआ था। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता गौरव बंसल की याचिका में शिकायत की गई है कि सफारी के लिये 10,000 पेड़ काटे गये। 

शुक्रवार को आईजी फॉरेस्ट (सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी) सोनाली घोष ने उत्तराखंड वन विभाग से इस पर स्थिति साफ करने को कहा है। राज्य के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट राजीव भर्तहरी ने कहा है कि उन्होंने इस पर रिपोर्ट मांगी है। कालागढ़ (जिस क्षेत्र में यह टाइगर सफारी पड़ती है) के डीएफओ किशनचंद ने कहा है कि दस हज़ार पेड़ काटे जाने के आरोप गलत हैं हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अफसरों को पता था कि इस सफारी के लिये 10,000 से 12,000 पेड़  कटेंगे।  

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