रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने कहा है कि ऑटोमोबाइल के पुर्जों से जुड़े उद्योगों द्वारा विद्युत वाहनों के पार्ट्स निर्माण का विस्तार करने के लिए अगले 3-4 वर्षों में ₹25,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 में देश में ईवी की पहुंच 4.7% तक पहुंच गई है, जिसमें से अधिकांश इलेक्ट्रिक दोपहिया सेगमेंट हावी है, हालांकि ई-थ्री-व्हीलर और इलेक्ट्रिक बसों ने भी इसमें योगदान दिया है।
इक्रा ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में ट्रैक्शन मोटर्स, नियंत्रण इकाइयों और बैटरी प्रबंधन प्रणालियों में पर्याप्त स्थानीयकरण हुआ है। हालाँकि, एडवांस कैमिकल बैटरी, जो वाहन का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे महंगा घटक है और जो वाहन की कीमत का लगभग 35% -40% हिस्सा है, अब भीआयात किया जाता है। इस रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि 2030 तक घरेलू दोपहिया वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत और यात्री वाहन की बिक्री में 15 प्रतिशत होगी।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान, बैटरी वाहनों की बिक्री में होगा बड़ा उछाल
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री “तेज़ी से बढ़ेगी” और दुनिया भर में बिकने वाली पांच कारों में से एक में बैटरी और हाइब्रिड मॉडल की हिस्सेदारी देखी जा सकती है। आईईए का सालाना आकलन रिपोर्ट बताती है कि “कुछ बाजारों में चुनौतियों” के बावजूद आने वाले वर्षों में, “सड़कों पर विद्युत वाहनों की हिस्सेदारी तेज़ी से बढ़ेगी।”
विश्लेषण बताता है कि पिछले साल 2023 में 14 मिलियन कारों की बिक्री के मुकाबले इस साल 17 मिलियन इलैक्ट्रिक कारों बिकेंगी जो 21% की बढ़ोतरी है। मौजूदा नीतियों के हिसाब से साल 2030 तक चीनी सड़कों पर हर तीन में से एक वाहन बैटरी चालित होगा। इसी तरह अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के देशों में हर पांच में से एक विद्युत वाहन होने की संभावना जताई गई है। ऑटोमोबाइल और एनर्जी सेक्टर में में इस क्रांति का प्रभाव पड़ेगा। यह अध्ययन ऑटो निर्माता कंपनियों के द्वारा दिये गये बयानों के बिल्कुल विपरीत है जिसमें यह कहा जाता है कि अधिक कीमत और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण उपभोक्ता बैटरी चालित वाहनों में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा।
भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने किया लीथियम आयन बैटरी क्षेत्र में नई कामयाबी का दावा
भारतीय और अमेरिकी वैज्ञानिकों के संयुक्त रिसर्च उपक्रम ने लीथियम आयन बैटरी तकनीक क्षेत्र में नई कामयाबी का दावा किया है। टैक्सास यूनिवर्सिटी और हरीश चंद्र रिसर्च संस्थान (प्रयागराज) के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है कि बैटरी जल्दी चार्ज होगी और अधिक देर तक काम करेगी। यह रिसर्च जाने माने जर्नल नेचर मटीरियल में प्रकाशित हुई है। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत के कुछ हिस्सों में लीथियम भंडार की संभावना को देखते हुए यह खोज काफी प्रभावी हो सकती है।
उधर जापानी ऑटो मेकर निसान का कहना है कि वह 2029 तक ऐसे नये विद्युत वाहन उतारेगी जिनमें सबसे आधुनिक तकनीक वाली बैटरियां होंगी। निसान को अमेरिकी कंपनी टेस्ला से कड़ा मुकाबला मिल रहा है और उसने एक मीडिया ट्रिप के दौरान अपने पायलट प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुये आधुनिक बैटरियों वाली कार की सूचना दी।
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