पेड़ कटे और बजट भी: न केवल अलग अलग वजहों से जंगलों पर खतरा मंडरा रहा है बल्कि तमाम राज्य सरकारों ने वन विभाग के बजट पर भी कुल्हाड़ी चलाई है Photo: Souro Souvik on Unsplash

सोलह राज्यों ने की वन विभाग के बजट में कटौती

देश के 16 राज्यों में इस वित्त वर्ष में वन विभाग का बजट पिछले साल (2019-20) की तुलना में कम किया। अगर प्रतिशत में देखें तो पश्चिम बंगाल ने सबसे अधिक 52%  बजट घटाया जबकि उत्तरप्रदेश ने 44% और आंध्र प्रदेश ने 40% बजट कम किया। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने यह आंकड़े एक सवाल के जवाब में संसद में दिये। इसी तरह तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, झारखंड और महाराष्ट्र ने भी इस बजट में कमी की है। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली ने 2019-20 में बजट 71 करोड़ से घटाकर वर्तमान वित्तवर्ष में 48 करोड़ कर दिया। 

वन भूमि पर चिड़ियाघर “वानिकी” का हिस्सा 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति ने फैसला किया है कि वन भूमि पर बने चिड़ियाघरों को अब “वानिकी” यानी फॉरेस्ट्री गतिविधि माना जायेगा। समिति की 17 फरवरी को हुई बैठक के बारे  में परिवेश वेबसाइट पर दी गई सूचना में यह बात शामिल है। अंग्रेज़ी अख़बार हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक मंत्रालय के अधिकारियों ने इस फैसले  को जायज़ ठहराया है। वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से वन भूमि पर पर्यटकों का आना बहुत बढ़ जायेगा जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में जैव विविधता के लिये ख़तरा हो सकता है। 

वैसे वन सलाहकार समिति ने इससे पहले  इको टूरिज्म के लिये भी नियमों में ढील दे दी है जिसके तहत  संरक्षित वन क्षेत्र में केंद्र सरकार की अनुमति के बिना अस्थायी निर्माण कार्य हो सकता है। जानकारों का कहना है कि ये फैसले 1980 के वन संरक्षण क़ानून के तहत प्रावधानों को ढीला करने के लिये हैं। 

उत्तराखंड: सात हाइडिल प्रोजेक्ट्स को किया जायेगा पूरा 

उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया है कि वह राज्य में सात निर्माणाधीन पनबिजली(हाइडिल) प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगी। अंग्रेज़ी अख़बार हिन्दुस्तान टाइम्स ने मंत्रालय में सूत्रों के हवाले से यह ख़बर छापी है। महत्वपूर्ण है कि सरकार पर्यावरण कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद इन बांधों को बना रही है जबकि 7 फरवरी को आई आपदा में चमोली के दो पनबिजली प्रोजेक्ट – ऋषिगंगा और तपोवन (निर्माणाधीन) –  तबाह हो गये थे और कम से कम 72 लोगों की जान गई और कई लापता हैं। 

सरकार ने यह तय किया है जिस भी परियोजना पर 50% से अधिक काम हो चुका है उसे पूरा किया जायेगा। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी राज्यसभा में दिये जवाब के बारे में ट्वीट करके कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स को अनुमति दी गई है उन्हें पूरा किया जायेगा लेकिन गंगा के ऊपरी इलाकों में नये प्रोजेक्ट नहीं बनाये जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.