साफ सवारी: बैटरी वाहनों का प्रयोग वातावरण में गैसोलीन के मुकाबले CO2 कम करता है और दुनिया के 95% हिस्सों में यह बात लागू होती है। Photo: DrivingOn

बैटरी वाहनों का प्रयोग घटाता है CO2 उत्सर्जन

एक नये शोध से पता चलता है कि पेट्रोल और डीज़ल के मुकाबले बैटरी वाहनों का इस्तेमाल दुनिया के 95% हिस्से में लाभकारी है क्योंकि इससे वातावरण में जाने वाले CO2 की मात्रा घटती है। हालांकि क्षेत्रीय अपवाद हैं क्योंकि ईवी का फायदा इस बात पर निर्भर है कि आप किस सोर्स से बैटरी चार्ज करते हैं। मिसाल के तौर पर स्वीडन और फ्रांस में बैटरी वाहन 70% कम CO2 छोड़ते हैं लेकिन यूके में यही अंतर केवल 30% है।

चीन में बैटरी वाहनों की बिक्री घटी पर टेस्ला है अपवाद

कोरोना वाइरस महामारी के कारण फरवरी में चीन की बैटरी वाहन बिक्री 77% कम हो गई। यहां फरवरी में केवल 11,000 वाहन बिके। इसकी तीन सबसे बड़ी कंपनियों BYD, BJEV और NIO की सेल 80%, 66% और 56% घटी। हालांकि “कॉन्टेक्टलेस टेस्ट ड्राइव” की मदद से टेस्ला ने फरवरी में कुल 3,900 गाड़ियां बेचीं जो जनवरी के मुकाबले 2,620 यूनिट अधिक हैं।

गुड़गांव: अमेरिकी कंपनी XNRGI ने लगाया लीथियम बैटरी प्लांट

अमेरिकी कंपनी XNRGI ने दिल्ली से सटे गुड़गांव में 240MWh/year क्षमता के लीथियम आयन बैटरी प्लांट का उदघाटन किया है। कंपनी की नज़र भारत के बढ़ते ई-रिक्शा बाज़ार पर है। कंपनी का दावा है कि उसकी बैटरियां 2 घंटे में 80% तक चार्ज हो जायेंगी और 55 डिग्री तक के तापमान में काम कर सकती हैं।

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