ऊर्जा (बिजली) मंत्रालय नियमों में जो बदलाव कर रहा है उसका असर बैटरी वाहन क्षेत्र में भी दिखेगा। हाइवे पर भारी बैटरी वाहनों के लिये हर 100 किलोमीटर पर फास्ट बैटरी चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। शहरों में चार्जिंग स्टेशन का जाल फैलाने के लिये हर 3 किमी X 3 किमी के दायरे में एक चार्जिंग स्टेशन होगा। कारों के लिये हाइवे पर हर 25 किमी पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है। बैटरी वाहनों को टोल टैक्स में छूट मिल सकती है।
केंद्र सरकार लीथियम-आयन बैटरियों की रिसायक्लिंग नीति पर भी विचार कर रही है जिसमें ज्यादातर इलैक्ट्रिक वाहनों की बैटरी होंगी। भारत में लीथियम-आयन बैटरियों का बाज़ार 35% की रफ्तार से बढ़ने की संभावना है। 2018 में यह 2.9 गीगावॉट क्षमता का था जो 2030 तक बढ़कर 2030 गीगावॉट का हो जायेगा।
कार्बन मुक्त हवाई उड़ान के लिये NASA कर रही है प्रयोग
कार्बन मुक्त उड़ान के लिये अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA एक ऑल इलैक्ट्रिक प्लेन – X-57 मैक्सवेल – पर प्रयोग कर रही है। इसका मकसद ज़ीरो इमीशन एविएशन की ओर कदम बढ़ाना है। अभी दुनिया में कुल ग्रीन हाउस गैस का 2.4% हवाई उड़ानों की वजह से होता है। माना जा रहा है कि इस विमान की पहली उड़ान साल 2020 तक हो पायेगी और सामान्य एयरक्राफ्ट के मुकाबले इसकी दक्षता (efficiency) 500% अधिक होगी।
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