अगर कोरोना संकट का असर 2020 के आगे भी जारी रहता है कि एशिया पैसेफिक क्षेत्र में अगले 4 सालों में 150 GW क्षमता के साफ ऊर्जा संयंत्रों का भविष्य अधर में होगा। यह बात रिसर्च और कन्सलटेंसी फर्म वुड मेकेंजी ने कही है। बिजली क्षेत्र में जितनी भी मांग बढ़ी है उसका 75% इसी क्षेत्र की वजह से है क्योंकि सबसे अधिक पवन और सौर ऊर्जा संयंत्र यहीं पर लगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि सब कुछ इस बात पर निर्भर है कि अगले कुछ महीनों में क्या एशिया पैसेफिक क्षेत्र मौजूदा हालात से उबर पाता है या नहीं। मांग में बढ़त, साफ ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को मिलने वाला कर्ज़ और बिजली दरों में प्रतिस्पर्धा मुख्य सूचक होंगे जिस पर शोधकर्ताओं की नज़र रहेगी। वुड मेकेंजी के मुताबिक अगर महामारी पर काबू नहीं हुआ और बाज़ार वर्तमान से अधिक मंदी में चला गया तो 2023 तक बिजली का खर्च 1,000 TWh कम होगा जो इस पूरे क्षेत्र के दो साल की खपत के बराबर है।
साफ ऊर्जा सब्सिडी पर 2016-19 के बीच 35% गिरावट
भारत ने पिछले तीन साल में (2016-19) साफ ऊर्जा (सौर और पवन ऊर्जा आदि) प्रोजेक्ट में सब्सिडी 35% घटाई है। दो संस्थानों IISD और CEEW की एक रिसर्च में कहा गया है कि महामारी के बाद साफ ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत ज़रूरी होगा। CEEW के शोधकर्ता कहते हैं कि सोलर सेफगार्ड ड्यूटी और साफ ऊर्जा दरों पर नियंत्रण जैसे कदमों ने इस सेक्टर की ग्रोथ को प्रभावित किया है। जानकार कहते हैं कि अब जीवाश्म ईंधन को दी जा रही सब्सिडी खत्म करने और साफ ऊर्जा को बढ़ाने का वक्त है। इसी रिसर्च में कहा गया है कि इन तीन सालों में तेल और गैस में सब्सिडी 65% बढ़ाई गई है।
कोल फ्री पावर में ग्रेट ब्रिटेन ने बनाया रिकॉर्ड
ग्रेट ब्रिटेन पिछले 18 दिन से लगातार साफ ऊर्जा के इस्तेमाल पर ही निर्भर रहा। औद्योगिक क्रांति के बाद से यह पहली बार है कि इतने लम्बे समय बिना कोयले के ग्रेट ब्रिटेन अपनी बिजली की ज़रूरत पूरी करता रहा है। कोरोना बीमारी के कारण बिजली की घटी मांग और सौर ऊर्जा के अधिक उत्पादन से ग्रेट ब्रिटेन ने 4 जून 2019 को बना अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। 20 अप्रैल को यूके ने 9.6 GW बिजली उत्पादन के साथ नया रिकॉर्ड बनाया। अब से 3 साल पहले ब्रिटेन में 24 घंटे बिना कोयले के बिजली की मांग पूरा करने का रिकॉर्ड बना था।
जीएम मोटर्स 2023 से निर्भर होगा साफ ऊर्जा पर
दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो-निर्माता कंपनियों में एक जीएम मोटर्स ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व मिशिगन में उसकी सारी फैक्ट्रियां अगले 3 साल में साफ ऊर्जा पर चलने लगेंगी। अभी जीएम ने डीटीई-एनर्जी के एमआई ग्रीन पावर प्रोग्राम के तहत 500 गीगावॉट-घंटा सोलर पावर खरीदी है। डीटीई का कहना है कि इससे मिशिगन में साफ ऊर्जा क्षेत्र में 1,500 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
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