ऑस्ट्रिया की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्राज़ ने अपने शोध में पाया है कि ईवी बैटरियों की उम्र बढ़ने के साथ उनमें आग लगने का खतरा कम होता जाता है और इस लिहाज़ से अधिक दिनों तक उनका इस्तेमाल उन्हें अधिक सुरक्षित ही बनाता है। तकनीकी भाषा में इसे “थर्मल रनअवे” कहा जाता है। वजह ये है कि पुरानी बैटरी में चार्ज संरक्षित करने की घटी ताकत के कारण आग की घटना का ख़तरा कम हो जाता है। हज़ारों किलोमीटर की यात्रा के बाद कई बार चार्जिंग और डिस्चार्जिंग की वजह ये ये बैटरियां यांत्रिक दृष्टिकोण से भरोसेमंद भी हो जाती है।
बैटरी वाहनों में अग्नि दुर्घटना एक चिन्ता का विषय रहा है। मिसाल के तौर पर 13 आग की घटनाओं के बाद ह्युन्दई कोना अपने घरेलू देश दक्षिण कोरिया में नहीं बेची जा सकती लेकिन पुरानी बैटरियों के सुरक्षित होने संबंधित जानकारियां क्रेश टेस्ट और भारी कंपन और एक्सीलेरेशन जैसे प्रयोगों से हासिल की गईं।
बैटरी वाहनों को लेकिर यूरोपियन यूनियन की “सनक” !
क्या बैटरी वाहनों को लेकर यूरोपियन यूनियन पर “सनक” सवार है? कम से कम परम्परागत आईसी इंजन और ईंधन सिस्टम तैयार करने वाली कंपनी बोश का तो यही मानना है। कंपनी ने कहा है कि “क्लाइमेट एक्शन का मतलब आई सी इंजनों को खत्म कर देना भर नहीं है।” स्पार्क प्लग और फ्यूल इग्निशिन सिस्टम बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल बोश कहती है कि आधुनिक पेट्रोल और डीज़ल कारें एयर क्वॉलिटी पर वैसा ख़राब असर नहीं डालती।
कंपनी की इस आलोचना के पीछे नये यूरो-7 मानक भी कहे जा रहे हैं जिनके तहत ईंधन गुणवत्ता स्तर और कड़े किये गये हैं। वैसे यह दिलचस्प है कि बोश ने ईवी टेक्नोलॉजी में 500 करोड़ यूरो निवेश किये हैं लेकिन अगले 20-30 साल तक वह आईसी इंजन वाहनों का काम जारी रखना चाहती है।
अमेरिका में 20% लोग छोड़ रहे हैं बैटरी वाहनों का इस्तेमाल
साल 2015 और 2019 के बीच अमेरिका में कार उपभोक्ताओं के बीच किये सर्वे से पता चलता है कि बैटरी वाहन इस्तेमाल करने वाले हर पांच में से एक (20%) ने ईवी चलाना दो वजहों से बन्द कर दिया। पहली वजह कार की ड्राइविंग रेन्ज रही और दूसरी घर पर फास्ट चार्जिंग की सुविधा का न मिल पाना। बैटरी कार छोड़कर गैसोलीन पर वापस जाने वाले उपभोक्ताओं में से 29% लोगों के पास ही घर पर फास्ट चार्जिंग सुविधा थी। हालांकि सड़क पर बैटरी कार के भरोसे, सुरक्षा और चार्जिंग कॉस्ट को लेकर उन्हें कोई शिकायत नहीं थी।
यूसी डेविस के इस सर्वे में यह पाया गया कि टेस्ला और जीएम के मालिकों ने बैटरी कार का साथ नहीं छोड़ा – केवल 11% और 14.2% ने ही वापस गैसोलीन कारों का रुख किया – और खासकर महिलाओं में बैटरी कारों के प्रति ज़बरदस्त वफादारी रही।
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