अमेरिका प्रमुख उत्सर्जकों को कोयले से हटने में सहयोग की योजना से पीछे हट रहा है: रॉयटर्स

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन पार्टनरशिप (JETP) से अलग होने जा रहा है। एजेंसी ने एक “एक्सक्लूसिव” रिपोर्ट में यह बात कही है। JETP एक ऐसा सहयोग है जिसमें अमीर देश विकासशील देशों को कोयले से स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में संक्रमण में मदद करते हैं। वर्तमान में, JETP में 10 डोनर देश शामिल हैं, जिनकी घोषणा पहली बार 2021 में ग्लासगो में COP26 में की गई थी। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, वियतनाम और सेनेगल को बाद में ऋण, वित्तीय गारंटी और अनुदान के पहले लाभार्थी घोषित किया गया। इसमें बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार संभालने के बाद से, अमेरिका ने “विदेशी सहायता में कटौती की है और जीवाश्म ईंधन के विकास को बढ़ावा दिया है”।

JETP के तहत इंडोनेशिया और वियतनाम के लिए अमेरिकी मदद का प्रतिबद्धता कुल मिलाकर $3 बिलियन से अधिक हो गईं, जिनमें से अधिकांश वाणिज्यिक ऋणों के माध्यम से थीं। दक्षिण अफ्रीका के लिए, देश के लिए $1.063 बिलियन से बढ़कर $11.6 बिलियन का वादा किया गया। 

फ़रवरी में भारत की बिजली खपत में मामूली वृद्धि, कुल 131.54 बिलियन यूनिट 

फरवरी में भारत की बिजली खपत मामूली रूप से बढ़कर 131.54 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 127.34 बीयू से अधिक रही थी। हालांकि, दोनों आंकड़े तुलनीय नहीं हैं, क्योंकि 2024 एक अधिवर्ष था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2024 में बिजली की खपत 127.34 बीयू थी। पीक डिमांड में भी वृद्धि हुई। इस साल फ़रवरी में यह 238.14 गीगावॉट रही जबकि पिछले साल इसी महीने यह 222 गीगावॉट थी। पीक पावर डिमांड पिछले साल मई के महीने में 250 गीगावॉट तक पहुंच गई थी। 

इससे पहले उच्चतम पीक पावर डिमांड की 243.27 गीगावाट सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी। सरकारी अनुमान के अनुसार, 2025 की गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 270 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है। सेंट्रल इलैक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) के प्रमुख ने कहा है कि भारत बिजली की इस मांग को पूरा करना में सक्षम है।  विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मार्च में बिजली की मांग और खपत बढ़ेगी, क्योंकि गर्मी सामान्य से अधिक के कारण पंखों, कूलरों और एयर कंडीशनरों के उपयोग अधिक होने की उम्मीद है।

ब्रिटेन ने 2030 तक तेल और गैस पर लगने वाले अप्रत्याशित कर को समाप्त करने की योजना की घोषणा की

ब्रिटिश सरकार ने नॉर्थ सी एनर्जी सेक्टर के भविष्य पर परामर्श शुरू करते हुए वर्ष 2030 में तेल और गैस के मुनाफ़े पर लगने वाले विन्डफॉल टैक्स को समाप्त करने की योजना की घोषित की है।

ऊर्जा सुरक्षा और नेट ज़ीरो विभाग (DESNZ) गुरुवार से चरणबद्ध तरीके से अपतटीय ऊर्जा संक्रमण के लिए एक योजना विकसित करने के लिए समुदायों, व्यवसायों, ट्रेड यूनियनों, श्रमिकों और हरित समूहों से बात करेगा। दो महीने का यह परामर्श नॉर्थ सी के मौजूदा बुनियादी ढांचे, प्राकृतिक संपत्तियों और विशेषज्ञता का उपयोग करके हाइड्रोजन, कार्बन कैप्चर और स्टोरेज, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी नई तकनीकों को लागू करने पर विचार करेगा।

इसके साथ ही, ट्रेजरी ने यह पुष्टि की कि ऊर्जा लाभ कर 2030 में समाप्त हो जाएगा और कहा कि भविष्य में मूल्य में उतार चढ़ाव के झटकों की संभावना से निपटने के लिए नई व्यवस्था पर अलग से परामर्श किया जायेगा। यह कर 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद ऊर्जा बिलों में वृद्धि से जूझ रहे परिवारों के लिए वित्तीय सहायता जुटाने के लिए लाया गया था।

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