पढ़िए जलवायु और पर्यावरण से जुड़ी देश और दुनिया की इस हफ्ते की पांच बड़ी खबरें।
लॉस एंड डैमेज फंड से बाहर हुआ अमेरिका
अमेरिका हानि और क्षति (लॉस एंड डैमेज) फंड के बोर्ड से बाहर हो गया है। यह फंड विकासशील देशों को जलवायु आपदाओं से निपटने में मदद करता है। यह ट्रंप प्रशासन द्वारा वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों को विफल करने की दिशा में एक और कदम है। इससे पहले अमेरिका पेरिस समझौते से पीछे हटने और क्लाइमेट फंडिंग में कटौती करने का निर्णय कर चुका है। अमेरिका के प्रतिनिधि ने 4 मार्च को एक पत्र लिखकर बोर्ड को इस निर्णय के बारे में सूचित किया।
2022 में कॉप27 के दौरान लंबी बातचीत के बाद यह फंड बनाया गया था। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से कमजोर देशों को लाभान्वित करना था। ट्रंप सरकार के आने से पहले अमेरिका ने लॉस एंड डैमेज फंड में 17.5 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था। जानकारों का कहना है कि अमेरिका की वापसी से वैश्विक क्लाइमेट जस्टिस और जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि को दूर करने के प्रयास कम होंगे।
अमेरिकी मौसम विभाग में छंटनी से पड़ेगा भारत पर असर

वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को चिंता है कि अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) में छंटनी का प्रभाव वैश्विक मौसम के पूर्वानुमान पर पड़ेगा। भारत में मानसून की भविष्यवाणियों और साइक्लॉन ट्रैकिंग पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है। सैकड़ों एनओएए कर्मचारियों को हाल ही में बर्खास्त कर दिया गया, जिनमें कई मौसम विज्ञानी भी थे। इससे डेटा ऑब्ज़र्वेशन कम हो गया है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कमजोर ओशनिक मॉनिटरिंग से जलवायु भविष्यवाणियां और आपदा के पहले की तैयारियां प्रभावित हो सकती है। हिंद महासागर के ऑब्ज़र्वेशन नेटवर्क का आधा हिस्सा एनओएए समर्थित है। विशेषज्ञों का कहना है कि सटीक पूर्वानुमान और चेतावनी सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।
कैम्पा फंड के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने क्षतिपूरक वनीकरण के लिए बने कैम्पा फंड के कथित दुरुपयोग पर उत्तराखंड सरकार को लताड़ लगाई है। पिछले महीने विधानसभा में रखी गई इस सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में विकास कार्यों से नष्ट हुए जंगलों की क्षतिपूर्ति के बदले पेड़ लगाने के लिए जमा (कैम्पा) फंड का एक हिस्सा आईफ़ोन, किचन की सामग्री, भवनों को चमकाने और अदालतों के मुकदमे लड़ने पर खर्च किया गया था।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 2019 से 2022 के बीच, 275.34 करोड़ रुपए का ब्याज अदा नहीं किया गया। राज्य ने इसे स्वीकार किया और 2023 में 150 करोड़ रुपए जमा किए, लेकिन अभी भी एक बड़ी राशि का कोई हिसाब नहीं है। अदालत ने मामले पर मुख्य सचिव से 19 मार्च तक जवाब मांगा है, और आगे कार्रवाई की चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कैम्पा फंड का उपयोग करने में जवाबदेही की आवश्यकता है।
देश में पहली बार हुई डॉल्फिन की गणना, 28 नदियों में मिलीं 6,327 डॉल्फिन मछलियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वीं नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (एनबीडब्ल्यूएल) की बैठक में भारत की पहली रिवराईन डॉल्फिन एस्टिमेशन रिपोर्ट जारी की, जिसके अनुसार देश के आठ राज्यों की 28 नदियों में 6,327 डॉल्फ़िन होने का अनुमान है। डॉल्फ़िन की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश ने पाई गई, उसके बाद बिहार, फिर पश्चिम बंगाल और फिर असम में। मोदी ने डॉल्फिन संरक्षण में स्थानीय सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया और छात्रों के लिए एक्सपोज़र विज़िट का सुझाव दिया।
टेस्ला ने मुंबई में शोरूम के लिए जगह किराए पर ली

अमेरिकी ईवी निर्माता टेस्ला ने भारत में अपने पहले शोरूम के लिए मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में 4,000-वर्ग फुट की जगह किराए पर ली है। सीआरई मैट्रिक्स द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, इलॉन मस्क की कंपनी इस जगह के लिए हर महीने 35 लाख रुपए से अधिक का किराया देगी। यहां पार्किंग की भी जगह होगी। यह जगह भारत के पहले एप्पल स्टोर के पास ही है। कंपनी ने पांच साल के लिए यह जगह किराए पर ली है। भारत में टेस्ला के लॉन्च की उत्सुकता से प्रतीक्षा की जा रही है, और आगे चलकर कंपनी देश में निर्माण और असेम्बली भी शुरू कर सकती है। कुछ दिनों पहले टेस्ला ने भारत में नौकरियों के लिए विज्ञापन भी दिया था।
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