44 शहरों में ईवी ट्रांज़िशन से बचेंगे लगभग 10 लाख करोड़ रुपए: टेरी

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (टेरी) के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि 44 भारतीय शहरों में सभी पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) में बदलने से 2035 तक रोजाना 11.5 टन पीएम2.5 उत्सर्जन कम किया जा सकता है। इससे ग्रीनहाउस गैसों में 61 मिलियन टन की कटौती होगी और 51 बिलियन लीटर से अधिक ईंधन बचेगा। इससे 2035 तक भारत के तेल आयात का बिल 9.17 लाख करोड़ रुपए कम हो सकता है। 

पुराने वाहन, विशेष रूप से डीजल बसें, प्रमुख प्रदूषक हैं। उन्हें फेज आउट करने से पीएम2.5 और नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में तेजी से कटौती हो सकती है। अध्ययन में ईवी-चार्जिंग और स्क्रैपिंग स्टेशनों के निर्माण का सुझाव दिया गया है। पूरी तरह ईवी में ट्रांज़िशन से 3.7 लाख नौकरियां भी पैदा होंगी।

ट्रेड वॉर के कारण अमेरिका में सोडियम-आयन बैटरी निर्माण बढ़ा

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के कारण अमेरिका में सोडियम-आयन बैटरी का प्रचलन बढ़ रहा है। गौरतलब है कि ट्रंप के टैरिफ वॉर का सबसे बड़ा निशाना चीन है, और दुनिया भर के देश लिथियम-आयन बैटरियों के निर्माण के लिए चीन से आयातित मैटेरियल पर निर्भर हैं।

बढ़ते व्यावसायिक तनाव के बीच चीन से लिथियम-आयन बैटरी की आपूर्ति बाधित होने की आशंका से सोडियम-आयन बैटरी अधिक किफायती और सुरक्षित विकल्प लग रहा है। लिथियम-आयन के मुकाबले सोडियम-आयन बैटरियां सस्ती हैं और इनमें आग लगने का खतरा भी कम है। 

इस साल 3,000 वाहनों को ईवी में बदलेगी हिमाचल सरकार

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार इस साल 3,000 पेट्रोल और डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) में बदला जाएगा। डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जा रहा है। राज्य सरकार ने 297 इलेक्ट्रिक बसों के लिए निविदाएं जारी की हैं और चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण कर रही है।

सरकार का उद्देश्य है सार्वजनिक परिवहन का पूरी तरह से विद्युतीकरण करके, अधिक चार्जिंग पॉइंट्स के साथ छह ग्रीन कॉरिडोर बनाना। नए बस मार्गों पर ई-वाहनों के लिए 40% तक की सब्सिडी की पेशकश की जा रही है। सरकारी कार्यालयों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया जाएगा। राज्य का लक्ष्य मार्च 2026 तक एक हरित ऊर्जा राज्य बनने का है।

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