अगले साल तक भारत आ सकती है टेस्ला।

पीएमओ का आदेश: टेस्ला को जल्दी मिले मंजूरी

इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला के भारत आगमन की व्यवस्था में सरकार जोर-शोर जुटी हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने विभिन्न सरकारी ऑफिसों को आदेश जारी किया है कि ईलॉन मस्क की कंपनी को जनवरी 2024 तक प्रत्येक आवश्यक मंजूरी मिल जानी चाहिए

इकॉनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमओ ने हाल ही में एक बैठक करके देश में ईवी मैन्युफैक्चरिंग के अगले चरण की समीक्षा की, जिसमें टेस्ला के निवेश प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। ईटी ने एक बड़े अधिकारी के हवाले से बताया कि बैठक में सामान्य नीतिगत चर्चा के आलावा टेस्ला के निवेश को मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया।

वित्त मंत्रालय ने फेम योजना बढ़ाने के प्रस्ताव पर उठाए सवाल

वित्त मंत्रालय ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना के तहत देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी मौजूदा वित्त वर्ष के बाद भी जारी रखने के प्रस्ताव पर सवाल उठाया है। भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधन वाहनों के विकास में मदद करने के लिए फेम III योजना के तहत ईवी के लिए सब्सिडी को पांच और वर्षों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था।

इकॉनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जिन प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं को फेम I और II योजनाओं से सबसे अधिक लाभ हुआ है, उन्हें सरकार से किसी और मदद की जरूरत नहीं है। फेम II 2024 में समाप्त हो रही है। फेम III के लिए सरकार और भी बड़ी राशि आवंटित कर सकती है। हालांकि, मौजूदा स्थिति में यह स्पष्ट नहीं है कि इस योजना में किस सेगमेंट को टारगेट किया जाएगा।

इंडियन आयल के साथ मिलकर देशभर में 2,500 ईवी चार्जर इंस्टाल करेगी ओकाया

ओकाया ईवी चार्जर्स ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के साथ मिलकर पूरे भारत में 2,550 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर स्थापित करने की योजना बनाई है। कंपनी ने कहा कि इसके लिए वह 125 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। ओकाया के अनुसार, 20 से अधिक राज्यों में ऐसे 362 चार्जर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।

इनमें उच्च और निम्न-वोल्टेज चार्जर्स शामिल हैं, जैसे 3.3-किलोवाट और 7.4-किलोवाट चार्जर, 30-किलोवाट वॉल-माउंटेड सीसीएस (संयुक्त चार्जिंग सिस्टम) 2 डीसी फास्ट चार्जर, और 60-किलोवाट सीसीएस2 डीसी फास्ट चार्जर।

क्या ईवी बैटरियों का सस्टेनेबल निर्माण और रीसाइक्लिंग कर सकता है भारत?

लगभग 23 लाख ईवी उपयोगकर्ताओं के साथ भारत इलेक्ट्रिक वाहन का तेजी से उभरता हुआ बाजार है। गत वित्तीय वर्ष में देश में ईवी की बिक्री में 174% की वृद्धि हुई। ईवी की बढ़ती मांग के साथ, लिथियम-आयन बैटरी की मांग बढ़ना भी तय है। वर्तमान में, भारत लिथियम-आयन बैटरी और सेल के लिए मुख्य रूप से चीन से आयात पर निर्भर है।

भारत को यदि अपने ईवी कार्यक्रम का विस्तार करना है और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है तो बैटरी सेल के लिए कच्चे माल की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है। जानकारों का कहना है कि वैश्विक सप्लाई चेन की जटिलता को देखते हुए, भारत के लिए जरूरी है कि वह एक एनर्जी स्टोरेज इकोसिस्टम विकसित करे। बैटरी सेल विनिर्माण को बढ़ाकर उसे देश के डीकार्बनाइज़ेशन लक्ष्यों के अनुरूप बनाना होगा।

लेकिन इन सबके बीच, नए खनिजों की मांग को कम करने के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाना बहुत जरूरी है।

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