सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड ने असम के जोरहाट में भारत का पहला शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र शुरू किया है, जो प्रति दिन 10 किलोग्राम का उत्पादन कर सकता है। वेब पोर्टल मेरकॉम की रिपोर्ट के अनुसार 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा 100 किलोवाट आयन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (एईएम) इलेक्ट्रोलाइजर सरणी का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
कंपनी को की उम्मीद है कि भविष्य में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन प्रतिदिन 10 किलो से बढ़कर 30 किलोग्राम तक पहुंच जाएगा। 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना भारत का लक्ष्य है।
सीमा शुल्क लगने से पहले सौर आयात में आया 210% का उछाल
1 अप्रैल को मूल सीमा शुल्क लगने से पहले सौर मॉड्यूल आयात में 210% का उछाल दर्ज किया गया जो 2021 की पहली तिमाही में 3.13गीगावाट से बढ़कर 2022 की पहली तिमाही में 9.7गीगावाट हो गया। मेरकॉम ने बताया कि डेवलपर्स का कहना है कि आयातित उपकरणों जैसी दक्षता और गुणवत्ता प्राप्त करने हेतु स्थानीय विनिर्माण क्षमता में वृद्धि करने में अभी समय लगेगा।
बीसीडी लागू होने के बाद चीन से आयातित मॉड्यूल की लागत 40% बढ़ गई। मेरकॉम ने बताया कि इस तिमाही के दौरान जिंक्स सोलर शीर्ष सप्लायर था, जबकि ट्रिना, लोंगी और कैनेडियन सोलर अन्य शीर्ष सप्यालर रहे।
प्राकृतिक गैस हाइड्रोजन की तुलना में पहली बार कम हुई हरित हाइड्रोजन की लागत
प्राकृतिक गैस की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि ने पहली बार प्राकृतिक गैस का उपयोग करके उत्पादित हाइड्रोजन की तुलना में हरित हाइड्रोजन की लागत को सस्ता कर दिया है। ब्लूमबर्ग एनईएफ के हाइड्रोजन विशेषज्ञ ने गणना की कि ‘एक किलोग्राम ग्रे हाइड्रोजन [प्राकृतिक गैस से बना] की लागत वर्तमान में यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में $6.71 है, जबकि हरित हाइड्रोजन के लिए $ 4.84- $ 6.68 प्रति किलोग्राम है”।
2022 के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने में 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश निर्धारित समय से पीछे: एम्बर
वैश्विक थिंक टैंक एम्बर ने एक अध्ययन प्रकाशित किया जिसमें कहा गया है कि चार भारतीय राज्य पहले ही 2022 के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को पार कर चुके हैं। भारत ने 2022 में 125गीगावाट तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अन्य 27 राज्य अपने नवीकरणीय लक्ष्यों का आधा भी प्राप्त नहीं कर सके हैं और उन्हें बड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
एम्बर की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने मार्च 2022 तक 110 गीगावाट अक्षय ऊर्जा स्थापित की है। राजस्थान और गुजरात ने पिछले 6 महीनों में नवीकरणीय बिजली का सबसे अधिक विस्तार किया है।