भारतीय रिफाइनरों ने अस्थाई रूप से रोकी रूसी तेल खरीद, अमेरिका से आयात संभव

भारत सरकार ने कहा है कि उसकी कच्चे तेल की खरीद देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्रोतों से सस्ती दरों पर आपूर्ति पर आधारित है, और वह अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों लुकोइल और रोसनेफ्ट पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत वैश्विक बाज़ार की स्थिति को देखते हुए अपने निर्णय लेता है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिकता 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा ज़रूरतें पूरी करना है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारतीय रिफाइनरों ने रूसी तेल की नई खरीद अस्थायी रूप से रोक दी है और अमेरिका से तेल आयात पर विचार कर रहे हैं।

जलवायु कानूनों को लेकर तेल कंपनी एक्सॉनमोबिल ने कैलिफ़ोर्निया पर किया मुकदमा 

ऑइल कंपनी एक्सॉनमोबिल ने दो जलवायु-प्रकटीकरण कानूनों को प्रथम संशोधन (फ्री स्पीच) का उल्लंघन करार देते हुए कैलिफोर्निया पर मुकदमा दायर किया है। कंपनी के अनुसार, 2023 में पारित हुए सीनेट बिल 253 तथा सीनेट बिल 261 उन्हें ऐसे रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क के अंतर्गत लाते हैं, जिनके द्वारा उन्हें अपने उत्सर्जन एवं जलवायु-जोखिमों की ऐसी जानकारी देनी होगी, जिसके लिए वह सहमत नहीं है। 

पहले बिल के  तहत बड़ी कंपनियों को गोदामों, आपूर्ति-शृंखलाओं और उत्पाद उपयोग से प्रभावित ‘Scope 3’ जैसे अप्रत्यक्ष उत्सर्जन सार्वजनिक करना होगा – जिसे एक्सॉन बहुत विवादित मान रहा है। दूसरा सीनेट कानून कंपनी को यह बताने को कहता है कि जलवायु परिवर्तन उनकी बिज़नेस को कितना जोखिम दे सकता है – एक्सॉन का दावा है कि इससे उन्हें “अनिश्चित भविष्य” की भविष्यवाणी करनी पड़ेगी। कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम के कार्यालय ने कंपनी की इस शिकायत पर प्रतिक्रिया दी कि यह ‘पृथ्वी के सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक द्वारा पारदर्शिता के विरोध’ जैसा है। 

विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला बड़े पैमाने पर ‘कारपोरेट जलवायु जवाबदेही” और “उद्योग-मीडिया-नियम समन्वय’ की दिशा में एक अहम मुक़ाबला है। कैलिफ़ोर्निया की ओर से कहा गया है कि यह कानून ‘ग्रीनवॉशिंग’ को रोकने तथा उपभोक्ताओं – निवेशक-समुदाय को सही जानकारी देने के लिए हैं। 

भारत: सितंबर में कच्चे तेल का उत्पादन 0.8% घटा

पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में भारत का कच्चे तेल और कंडेनसेट उत्पादन 2.3 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.8% कम है।

सितंबर में भारतीय रिफाइनरियों ने कुल 21 एमएमटी कच्चे तेल की प्रोसेसिंग की, जो पिछले वर्ष से 0.8% कम है। इसमें से सार्वजनिक क्षेत्र और संयुक्त उपक्रम रिफाइनरियों ने 14.2 एमएमटी, जबकि निजी रिफाइनरियों ने 6.8 एमएमटी संसाधित किया। पेट्रोलियम उत्पादों का कुल उत्पादन 22 एमएमटी रहा, जो साल-दर-साल 3.3% घटा। उत्पाद मिश्रण में डीजल 42.6%, पेट्रोल 18.3%, नैप्था 6.1%, एटीएफ 5.6%, और एलपीजी 4.3% शामिल रहे।

Website |  + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

कार्बन कॉपी
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.