भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ मंगलवार की रात आंध्र प्रदेश के तट से टकराया और इसने आंध्र और ओडिशा में भारी तबाही मचाई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, तूफान शाम करीब 7 बजे काकीनाडा जिले में मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच तट को पार किया। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक दर्ज की गई।
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में सबसे अधिक वर्षा हुई। कोनसीमा जिले के मकानगुडेम गांव में एक महिला की मौत हो गई। राज्य में करीब 38 हजार हेक्टेयर फसलों और 1.38 लाख हेक्टेयर बागवानी फसलों को नुकसान हुआ। सरकार ने 76 हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया और 219 चिकित्सा शिविर स्थापित किए।
आंध्र सरकार ने प्रभावित जिलों — कृष्णा, एलुरु और काकीनाडा — में रात 8:30 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहनों की आवाजाही रोक दी। कई ट्रेनें रद्द की गईं जबकि कई के समय और मार्ग में परिवर्तन किया गया। विशाखापट्टनम और विजयवाड़ा हवाईअड्डों पर कुल 48 उड़ानें रद्द की गईं।
ओडिशा में मोंथा के असर से 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ। मकान ध्वस्त हुए, पेड़ गिरे और भूस्खलन से सड़कों का संपर्क टूटा। राज्य में 2,000 से अधिक चक्रवात शरणस्थल और 153 राहत दल (6,000 से अधिक कर्मी) तैनात किए गए हैं। स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद रहेंगे और तटों पर प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
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