पीएमवी इलेक्ट्रिक ने भारत की पहली इलेक्ट्रिक क्वाड्रिसाइकिल ईएएस-ई की घोषणा की है, जिसकी कीमत 4-6 लाख रुपए होगी। यह एक इलेक्ट्रिक टू-सीटर वाहन है जो चार पहियों पर है। ईएएस-ई को किसी भी नियमित पावर आउटलेट से चार घंटे में पूरी क्षमता तक रिचार्ज किया जा सकता है और यह अपने लिथियम-आयरन-फोफेट बैटरी पैक से 120-200 किमी तक की दूरी तय कर सकती है।
वाहन की शीर्ष गति 70- किमी/घंटा तक सीमित होगी। सवारियों को पावर विंडो, एयर कंडीशनिंग, ओवर-द-एयर अपडेट और एलईडी हेडलैम्प जैसी कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वाहन का ग्राउंड क्लीयरेंस (चेसिस और सड़क के बीच की दूरी) 170 मिमी रहेगा।
यूके ने ईवी सब्सिडी को खत्म करने का फैसला किया
यूनाइटेड किंगडम के परिवहन विभाग ने घोषणा की है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाला £300 मिलियन (करीब 2850 करोड़ रुपये) का सब्सिडी पैकेज नए ऑर्डर्स के लिए समाप्त कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि इससे होने वाली बचत को ईवी चार्जिंग के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के लिए प्रयोग किया जाएगा। इस निधि का पुनर्निवेश इलेक्ट्रिक ट्रक, वैन, टैक्सी और व्हीलचेयर्स के लिए प्लग-इन सुविधा उपलब्ध कराने में भी किया जा सकता है।
इस निर्णय के पीछे तर्क यह था कि इस सब्सिडी ने यूके के ईवी बाजार को परिपक्व बनाने में पूरा योगदान दिया है। जहां 2011 में केवल 1,000 इकाइयां बेची गईं थीं वहीं 2022 में जनवरी से मई के बीच लगभग 100,000 इकाइयां बेची जा चुकी हैं। हालांकि सोसाइटी ऑफ मोटर मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स (एसएमएमटी) ने निर्णय की आलोचना की है और कहा है कि इसके परिणामस्वरूप प्रमुख यूरोपीय देशों में यूके बिना किसी ईवी सब्सिडी वाला एकमात्र बाजार होगा। सोसाइटी ने सुझाव दिया कि उन ग्राहकों को ध्यान में रखकर समर्थन जारी रखा जाए जो अन्तर्दहन (आईसी) इंजन से वाहनों को छोड़कर ईवी अपनाना चाहते हैं।
साल 2030 तक फरारी ने रखा 80% ईवी बेचने का लक्ष्य
लक्ज़री स्पोर्ट्स कार निर्माता फरारी के मुताबिक उसने लक्ष्य रखा है कि 2030 तक कंपनी की कुल बिकने वाली कारों का 80% इलैक्ट्रिक कारें होंगी। दिलचस्प है कि फरारी पहले इलैक्ट्रिक मोड में आने के खिलाफ थी लेकिन इसके चेयरमैन ने तर्क दिया कि इससे ब्रांड की अपील पर असर नहीं पड़ेगा। फरारी अपनी ही इलैक्ट्रिक मोटर, बैटरी और इन्वर्टर का उत्पादन करेगी और 2025 तक इसकी पूरी तरह से इलैक्ट्रिक कार बाज़ार में आ जायेगी। माना जा रहा है कि दशक के अन्त तक विश्व बाज़ार में 40% कारें इलैक्ट्रिक होंगी।
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