एक याचिका के जवाब में दिल्ली हाइकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वो फेम-II योजना के तहत इलैक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने के लिये हाइड्रोजन ईंधन सेल विद्युत वाहनों पर विचार करे। सरकार के आदेश में हाइड्रोज़न ईंधन के फिलिंग स्टेशन लगाने के लिये भी कहा गया है जिससे इस टेक्नोलॉजी का नेटवर्क देश में फैलेगा। भारत इलैक्ट्रिक मोबिलिटी के मामले में अभी बहुत तरक्की नहीं कर पाया है लेकिन हाइड्रोज़न ईंधन सेल टेक्नोलॉजी इसे बढ़ाने में काफी मददगार हो सकती है।
ईवी: ड्राफ्ट नीति में महाराष्ट्र के महत्वाकांक्षी लक्ष्य
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी नई ईवी नीति में कई महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की घोषणा की है। इसके तहत मुंबई, पुणे , नासिक और नागपुर के चार एक्सप्रेस-वे 2025 तक पूरी तरह इलैक्ट्रिक हो जायेंगे। इसका लक्ष्य 2025 तक नये वाहनों में विद्युत वाहनों की संख्या 10% करना भी है। नीति के मुताबिक राज्य सरकार अपने बड़े शहरों में 2022 से केवल इलैक्ट्रिक वाहन ही बनायेगी। इसके अलावा मुंबई में 1,500 चार्जिंग स्टेशन लगेंगे और सभी इलैक्ट्रिक वाहनों का जल्दी पंजीयन होगा।
टोयोटा की पहली हाइड्रोजन रेस कार मंज़िल तक पहुंचने में हुई फेल, 35 बार रिचार्ज करनी पड़ी
हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली टोयोटा की पहली रेसिंग कार अपने फर्स्ट टेस्ट में फेल हो गई। इसे मंज़िल तक पहुंचने से पहले 35 बार रिचार्ज़ करना पड़ा। कंपनी का इरादा बैटरी इलैक्ट्रिक वेहिकल (BEV) के मुकाबले इसे एक विकल्प के रूप में पेश करना था लेकिन यह तकनीकी कारणों से फेल हो गई। इसे इवेंन्ट करने का मकसद हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों के प्रति जागरूकता पैदा करना था। टोयोटा का दावा है कि बैटरी इलैक्ट्रिक वेहिकल के मुकाबले इस वाहन का कार्बन फुटप्रिंट काफी कम है और 10 लाख लोगों को इससे रोज़गार मिलेगा।
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