फिर खनन की ज़िद: लम्बे समय बाद अरावली में कुछ हरियाली लौट रही है लेकिन हरियाणा सरकार के नये इरादे डराने वाले हैं। Photo: India Legal

हरियाणा ने अरावली में खनन के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी

पर्यावरणविदों के विरोध के बावजूद हरियाणा सरकार ने अरावली में फिर खनन शुरू करने के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है। खट्टर सरकार विशेष रूप से फरीदाबाद, गुरुग्राम और मेवात ज़िलों में खनन की दिलचस्पी दिखा रही है। अरावली दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वतश्रंखलाओं में हैं और इसके आसपास जनसंख्या का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसलिये जानकार भू-जल संरक्षण और जैव-विविधता के महत्व को देखते हुये यहां खनन पर आपत्तियां जताते रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2009 में अरावली में माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन इस बीच अवैध खनन की शिकायतें आती रही हैं। पिछले कुछ सालों में नागरिक संगठनों और पर्यावरण प्रेमियों की कोशिशों से अरावली में वन्य जीव और पक्षियों की संख्या बढ़ी है लेकिन सरकार द्वारा फिर से माइनिंग के इरादे नई मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।    

अमीर देश 2030 तक कोयले का इस्तेमाल बन्द करें: गुट्रिस 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुट्रिस ने दुनिया के अमीर देशों से अपील की है कि वह इस दशक के अंत तक कोयले का इस्तेमाल बन्द कर दें। गुट्रिस ने ग्रुप-7 देशों से कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग रोकने के वादे को पूरा करने के लिये वह इस साल जून में होने वाली शिखर वार्ता से पहले या उसमें यह वादा करें। पिछले हफ्ते वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये दिये संदेश में गुट्रिस ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कमी करने के जो लक्ष्य रखे गये हैं वह धरती की तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के लिये पर्याप्त नहीं हैं। 

गुट्रिस के मुताबिक बिजली उत्पादन में कोयले का इस्तेमाल बन्द करना 1.5 डिग्री के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अकेला सबसे बड़ा कदम होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये पूरी दुनिया में बिजली उत्पादन में कोयले का प्रयोग 2010 के स्तर से 80% कम करना होगा और पेरिस वार्ता में 190 से अधिक देशों ने जो लक्ष्य घोषित किये हैं वह इस ज़रूरत से काफी कम हैं। वेबसाइट क्लाइमेट होम में छपी ख़बर के मुताबिक जापान और अमेरिका जैसे देशों ने अब तक कोयले को खत्म करने का कोई प्लान नहीं बनाया है जबकि जर्मनी 2038 तक कोयले का प्रयोग जारी रखना चाहता है। 

CRZ नियमों का उल्लंघन कर रहे उद्योग मुआवज़ा देकर पा सकते हैं छुट्टी 

सरकार के एक नये आदेश से भारत के संवेदनशील समुद्र तटों को ख़तरा हो सकता है। इस आदेश के बाद पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील समुद्र तटीय क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनियां मुआवज़ा देकर बच सकती हैं। इन कंपनियों को संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन के लिये मुआवज़ा देना होगा और वह बन्द नहीं की जायेंगी। सरकार ने एक ऑफिस मेमोरेंडम से इस नियम की घोषणा की है। इससे पहले कंपनियों को काम शुरु करने से पहले अनुमति लेना ज़रूरी था। 

चीन जून में शुरू करेगा ऑनलाइन इमीशन ट्रेनिंग 


साल 2060 तक कार्बन न्यूट्रल बनने की घोषणा के बाद अब चीन ने कहा है कि वह इस साल कार्बन उत्सर्जन ट्रेडिंग सिस्टम शुरू करेगा।  शंघाई हर शुक्रवार और शनिवार को ट्रेडिंग का आयोजन करेगा जबकि पंजीयन और डाटा एक्सचेंज सेंट्रल ह्यूबे प्रान्त से होगा। संभावना है कि जून के आखिरी हफ्ते में यह ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू होगी। शुरुआत में कोयले और गैस आधारित प्लांट के इमीशन और बड़ी रिफाइनरियों और फैक्ट्रियों के भीतर बने (कैप्टिव) प्लांट के उत्सर्जन की ट्रेडिंग होगी.

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