फोटो: Darko Stojanovic/Pixabay

भारत में जीबीएस मरीज़ों की संख्या 100 से अधिक, एक की संदिग्ध मौत

महाराष्ट्र में जीबीएस सिंड्रोम से एक संदिग्ध मौत हुई है। जीबीएस यानी घीलन बा रे एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) ही उसकी पेरिफिरल नर्व्स पर हमला करती है। सोलापुर के 40 वर्षीय व्यक्ति को इसका पहला शिकार माना जा रहा है। भारत में अब तक इस बीमारी के लक्षणों से ग्रसित मरीज़ों की संख्या 100 से अधिक हो गई है जिनमें 19 मरीज़ 9 साल से कम उम्र के हैं।  यह सभी केस महाराष्ट्र में पाये गये हैं।  

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने बताया है कि पुणे में जीबीएस के 80 प्रतिशत ऐसे इलाकों से आए हैं जो एक बड़े कुएं के आसपास स्थित हैं। माना जा रहा है कि यह बीमारी कुएं के प्रदूषित जल से फैली है। 

इससे पहले केंद्र सरकार ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की टीम को पुणे रवाना किया था। इस दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी में झुनझुनी और मांसपेशियों में कमज़ोरी के लक्षण होते हैं जिससे पक्षाघात हो सकता है लेकिन यह बीमारी कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है। जीबीएस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन उपचार से जीबीएस के लक्षणों को सुधारने और इसकी अवधि को कम करने में मदद हो सकती है।

Website | + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.