गंभीर सूखे की चपेट में बुंदेलखंड
जानकार बताते हैं कि 15 जुलाई तक बारिश न होना बेहद असामान्य, यह गंभीर सूखे का
जानकार बताते हैं कि 15 जुलाई तक बारिश न होना बेहद असामान्य, यह गंभीर सूखे का
पर्यावरणविदों द्वारा तमाम आलोचना के बावजूद नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (एनबीडब्लूएल) ने वन क्षेत्र
ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते असर के कारण इस सदी के अंत तक दुनिया के 800
उत्तराखंड के चमोली में इस साल फरवरी में आई आपदा के बाद से यहां स्थित
कर्नाटक के बेल्लारी में एक बार फिर से माइनिंग बढ़ने खनन क्षेत्र का भूमि अधिकारों
कोयला बिजलीघर न केवल वायु प्रदूषण करते हैं, पानी का भी जमकर इस्तेमाल करते हैं।
भारत अगले साल (जनवरी 2022) से सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पाबंदी लगाना चाहता है लेकिन
मौसम विभाग का अनुमान था कि मॉनसून 15 जून तक राजधानी दिल्ली पहुंचेगा लेकिन पश्चिमी
तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए G7 नेताओं ने जलवायु, कोविड और प्रकृति के पतन के तिहरे संकटों
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने आदेश दिया है कि 6 महीने के भीतर गुजरात