एक नई रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि चीन की योजना 2024 तक हर साल 80 गीगावॉट नई कोयला बिजली परियोजनाएं शुरू करने की है। चीनी मीडिया समूह कैक्सिन ने ‘कई उद्योग स्रोतों’ का हवाला देते हुए यह लेख प्रकाशित किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश की पांच प्रमुख बिजली उत्पादन कंपनियों को 2021 में 36 बिलियन युआन (£18 बिलियन) का नुकसान हुआ।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने देश के बाहर 14 बिजली संयंत्रों का निर्माण पूरा कर लिया है और 27 और जल्द ही पूरा कर लेगा। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर और पीपल ऑफ एशिया फॉर क्लाइमेट सॉल्यूशंस के अनुसार, इन संयंत्रों से प्रति वर्ष लगभग 14 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने की संभावना है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का आग्रह: तेल और गैस पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाएं अमीर देश, जलवायु वित्त के लिए करें राजस्व का उपयोग
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुट्रिस ने अमीर देशों से तेल और गैस कंपनियों पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल प्रोफिट टैक्स) लगाने का आग्रह किया है। गुट्रिस ने पिछले सप्ताहांत में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में सुझाव दिया कि इससे जो राजस्व प्राप्त होगा उसका उपयोग विकासशील देशों के क्लाइमेट फाइनेंस वित्त के लिए किया जा सकता है, जो जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हैं। एंटोनियो गुट्रिस ने विकसित देशों से इस राजस्व का उपयोग बढ़ती खाद्य और ऊर्जा लागत से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए करने का भी आग्रह किया।
फ्रांस ने सीओपी26 में किया वादा निभाया, तेल और गैस के लिए लोक वित्त को किया प्रतिबंधित
फ्रांस ने घोषणा की है जो उसकी निर्यात क्रेडिट एजेंसी, बीपीआई फ्रांस द्वारा जीवाश्म ईंधन के लिए लोक वित्त (पब्लिक फाइनेंस) को प्रतिबंधित करती है। यह इस साल के अंत तक जीवाश्म ईंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय लोक वित्त को समाप्त करने की उसकी सीओपी26 में की गई की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इससे उन दूसरे देशों पर ऐसा ही करने का दबाव बढ़ेगा जिन्होंने पिछले साल के ग्लासगो स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर किए थे, जैसे कि जर्मनी, अमेरिका और कनाडा। फ्रांस के अलावा यूके, डेनमार्क, बेल्जियम और स्वीडन जैसे अन्य देशों ने भी अपनी ग्लासगो प्रतिबद्धता के अनुरूप नीतियां प्रकाशित की हैं। एक विश्लेषण से पता चलता है कि यदि सभी बाकी देश भी ऐसा ही करते हैं, तो सालाना 28 अरब डॉलर जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर स्थानांतरित किए जा सकते हैं।
कार निर्माताओं का वैश्विक उत्सर्जन बताई गई संख्या से 50% अधिक है: शोध
एक नए शोध से पता चला है कि कार निर्माताओं द्वारा वैश्विक उत्सर्जन उनकी बताई गई मात्रा से 50% अधिक है। ट्रांसपोर्ट एंड एनवायरनमेंट (टी एंड ई) की रिपोर्ट के अनुसार, हुंडई-किआ और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियां अपने उत्सर्जन को क्रमशः 115% और 80% तक कम करके बता रही हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कार कंपनियों में निवेश करने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि यूरोपीय संघ 2023 से कार निर्माताओं द्वारा उनके स्कोप 3 (अप्रत्यक्ष) उत्सर्जन का खुलासा करना अनिवार्य करने को तैयार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश के नजरिए से देखा जाए तो वास्तविकता यह है कि कार कंपनियां भी तेल कंपनियों जितनी ही कार्बन गहन हैं।
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