एस्टेवन, सस्केचेवान (कनाडा) के पास बाउंड्री डैम पावर स्टेशन के खराब प्रदर्शन और कई बार होने वाले ब्रेकडाउन ने कोयला बिजलीघरों के लिए अपनी तरह की पहली इकाई में सीसीएस (कार्बन कैप्चर और स्टोरेज) टेक्नोलॉजी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। 2014 में बने इस सीसीएस प्लांट ने 2020 के मुकाबले 2021 में 43% कम कार्बन कैप्चर किया। समस्या के मूल में थीं CO2 कंप्रेशर मोटर की विफलताएं, जिनके कारण प्लांट एक समय में हफ्तों तक ठप रहा। हालांकि ताज़ा जानकारी के अनुसार इन समस्याओं का हल कर लिया गया है, लेकिन आलोचकों ने ऐसी तकनीक में निवेश करने के खतरों की ओर इशारा किया है जो अब तक सीसीएस की तरह ही खराब प्रदर्शन कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि इन आलोचकों में से एक हैं अमेरिकी सीनेटर जो मैनचिन — जो हाल ही में जलवायु योजना को पटरी से उतारने राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते रहे हैं।
इस बीच, रॉयल डच शेल ने मलेशिया के पेट्रोनास के साथ देश में एक अपतटीय (ऑफशोर) सीसीएस इकाई बनाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
अलास्का में ड्रिलिंग: ट्रम्प द्वारा जारी परमिट को रद्द करेगी बाइडेन सरकार
जो बाइडेन सरकार ने घोषणा की है कि वह अलास्का में राष्ट्रीय पेट्रोलियम रिजर्व, या एनपीआर-ए सहित अलास्का में संरक्षित भूमि के विशाल क्षेत्रों में तेल और गैस ड्रिलिंग के लिए ट्रम्प-युग के परमिट को रद्द कर देगी। यह परमिट पिछले प्रशासन द्वारा जल्दबाजी में प्रदान किए गए थे, जिसमें तेशेकपुक झील जैसे संरक्षित क्षेत्र भी शामिल हैं, जो स्थानीय वन्यजीवों और प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण बसेरा है। इन क्षेत्रों को 1980 के दशक में रीगन प्रशासन से लेकर सभी सरकारों द्वारा संरक्षित किया गया था, और यह घोषणा ‘वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के हित में अमेरिका की सार्वजनिक भूमि और पानी पर संतुलन सुनिश्चित करने’ के लिए बाइडेन सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
अलास्का में ही हाल के वर्षों में तेल और गैस ड्रिलिंग की गतिविधियों में कथित तौर पर कमी आई है और कहा जाता है कि अधिकांश ड्रिलर अमेरिका के दक्षिणी भाग में पर्मियन बेसिन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
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