अरबों डॉलर के निवेश के बाद एप्पल ने बंद की ईवी परियोजना

एप्पल ने अपनी एक दशक पुरानी, अरबों डॉलर की इलेक्ट्रिक वाहन परियोजना को बंद करके सबको चौंका दिया है। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में बताया कि ‘प्रोजेक्ट टाइटन’ को बंद करने के निर्णय का खुलासा 27 फरवरी को आतंरिक रूप से चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ विलियम्स और वाईस प्रेसिडेंट केविन लिंच द्वारा किया गया।

हालांकि कंपनी ने कभी इस परियोजना की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की थी, लेकिन मीडिया ख़बरों के अनुसार इसमें करीब 2,000 लोग काम कर रहे थे और रिसर्च और डेवेलपमेंट पर अब तक अरबों डॉलर खर्च किए जा चुके थे। हालांकि माना जा रहा है कि पहला वाहन बनाने में टीम को अभी भी कई साल लगने वाले थे।

स्पेशल प्रोजेक्ट्स ग्रुप (एसपीजी) के नाम से जाने जानी वाली इस टीम के कई कर्मचारी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवीज़न में स्थानांतरित किए जाएंगे।

ट्रांसपोर्ट सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन: पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइंस 

सरकार ने बसों, ट्रकों और चौपहिया वाहनों में ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के प्रयोग  वाले पायलट प्रोजेक्ट्स के लिये गाइडलाइंस जारी की हैं। नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बीती 14 फरवरी को जारी एक बयान में कहा है कि इसके लिये कुल 496 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान है जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 तक योजना लागू होगी। साफ ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइट्स की गिरती कीमतों के साथ ग्रीन हाइड्रोजन पर आधारित वाहन आने वाले दिनों में फायदे का सौदा हो सकते हैं। क्लीन मोबिलिटी के क्षेत्र में दूसरे प्रयासों के अलावा नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) जीवाश्म ईंधन की बजाय स्वच्छ ईंधन के प्रयोग को प्रोत्साहित कर रहा है और शिपिंग  क्षेत्र में भी इसे लागू किया जायेगा। 

सड़क पर वाहनों के लिये यह योजना भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और नामित एजेंसियों के ज़रिये लागू की जायेंगी। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन प्रयोग की टेक्नोलॉजी के विकास के साथ एथनॉल/ मेथनॉल और अन्य सिंथेटिक ईंधन की मिक्सिंग/ ब्लैंडिंग शामिल है। इस योजना के जरिए साफ ईंधन के लिये पूरे मूलभूत ढांचे को बढ़ाना बड़ी  चुनौती होगी। 

ईवी के साथ भारतीय बाजार में वापसी कर सकती है फोर्ड

वैश्विक ऑटो दिग्गज फोर्ड मोटर हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ भारतीय बाजार में वापसी की तैयारी कर रही हैद हिंदू बिज़नेसलाइन ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कंपनी इन कारों के उत्पादन के लिए चेन्नई स्थित अपनी विनिर्माण सुविधा का उपयोग करेगी।

भारत में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए, फोर्ड मोटर एक स्थानीय मैनुफैक्चरिंग पार्टनर भी खोज रही है। इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि इसकी संभावित संयुक्त उद्यम के लिए टाटा समूह के साथ बातचीत चल रही है। 

फोर्ड ने साल 2021 में भारत में निर्माण बंद कर दिया था और घोषणा की थी वह भारत में अब केवल महंगे मॉडलों का निर्यात करेगी।

चीनी इंजीनियरों ने बनाई रिचार्जेबल कैल्शियम-ऑक्सीजन बैटरी

चीनी इंजीनियरों के एक समूह ने कैल्शियम-आधारित बैटरी का एक नमूना बनाया है जो सामान्य तापमान पर 700 बार चार्ज करके काम में लाई जा सकती है।   शोधकर्ताओं ने एक प्रयोग करने योग्य, रिचार्जेबल, कैल्शियम-ऑक्सीजन-आधारित बैटरी विकसित करने का प्रयास किया है। वर्तमान में रिचार्जेबल बैटरियों में लिथियम-आयन का प्रयोग किया जाता है। 

हालांकि, लिथियम की कमी और इससे जुड़ी समस्याओं (बैटरी की आयु के साथ गुणवत्ता में गिरावट और ओवरचार्जिंग के खतरे इत्यादि) के कारण वैज्ञानिक एक अच्छे विकल्प की खोज कर रहे हैं। कैल्शियम लिथियम से 2,500 गुना अधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

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