सरकार चाहती है 2030 तक 30% निजी वाहन इलेक्ट्रिक हों।

सार्वजनिक परिवहन नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों पर रहेगा सरकार का ध्यान

सरकार देश के ज्यादातर शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू करने की तैयारी कर रही है। सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे के विस्तार की दिशा में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को सरकार से अतिरिक्त समर्थन मिलने की संभावना है।

प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार देश में सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने की नीतियों पर काम कर रही है, और इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमें लक्ष्य रखना चाहिए कि अगले 5-7 वर्षों में देश में 100 प्रतिशत दोपहिया वाहन इलेक्ट्रिक हों। उन्होंने ऑटोमोबाइल उद्योग से इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन की वैल्यू चेन के साथ-साथ बैटरी निर्माण में भी अधिक निवेश करने का आग्रह किया।

हालांकि सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण में अधिकांश राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) की खराब वित्तीय स्थिति एक चुनौती है। खराब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और महंगे इलेक्ट्रिक वाहन इस चुनौती को और बड़ा बनाते हैं।

मई में ईवी बिक्री 1.5 लाख पार, लेकिन गिर सकती है दोपहिया की मांग

मई 2023 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की अब तक की सबसे अच्छी मासिक बिक्री देखी गई। इसके बहुत सारे कारण थे, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण था फेम-2 सब्सिडी में संशोधन के कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमतों में संभावित वृद्धि, जिसके चलते बहुत सारे लोगों ने यह संशोधन लागू होने के पहले दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे।

अप्रैल में गिरावट के बाद मई में ईवी की बिक्री में तेजी से रिकवरी हुई। पिछले महीने देश में कुल 157,338 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए। इनमें 104,829 दोपहिया, 44,609 तिपहिया, 7,443 चार-पहिया, 274 बसें, 160 एलसीवी और 23 अन्य सेगमेंट्स की इकाईयां शामिल हैं।

हालांकि सभी सेगमेंट्स में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग यथावत बनी रहने की उम्मीद है, लेकिन दोपहिया सेगमेंट में थोड़ी मंदी आ सकती है, खासकर उन मॉडलों की मांग में कमी आ सकती है जिनकी कीमतें फेम-2 सब्सिडी में संशोधन के बाद बढ़ी हैं।

ईवी चार्जर से हो सकता है हैकिंग का खतरा

एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में ईवी की बिक्री बढ़ने के साथ ही साइबर हमले का खतरा भी बढ़ गया है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी चेक प्वाइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘साइबर अटैकर्स ईवी चार्जिंग नेटवर्क, वाहनों और/या उससे कनेक्टेड पावर ग्रिड को निशाना बना सकते हैं’।

भारत में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) को ईवी चार्जिंग स्टेशनों से संबंधित उत्पादों और अनुप्रयोगों में कमजोरियों की जानकारी भी मिली है।

इन कमजोरियों का फायदा उठाकर साइबर अपराधी ईवी चार्जर को दूर से बंद कर सकते हैं, या बिजली की चोरी कर सकते हैं। वह वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और बिजली कटौती का कारण भी बन सकते हैं।

2022 में एक 19 वर्षीय तकनीकी सुरक्षा विशेषज्ञ ने वाहन डेटा और नियंत्रण तक पहुंचने के लिए एक सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके एक दर्जन देशों में 25 टेस्ला वाहनों को सफलतापूर्वक हैक कर लिया था। 2020 में बेल्जियम के एक शोधकर्ता ने टेस्ला मॉडल एक्स के की-फॉब्स के फ़र्मवेयर को ओवरराइट और हाईजैक करने का एक तरीका खोज निकाला था, जिससे इस वाहन की चोरी सुगम हो सकती है।  

टेस्ला को विशेष इंसेंटिव नहीं देगी भारत सरकार

केंद्र सरकार फिलहाल इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला को किसी भी तरह के विशेष इंसेंटिव देने पर विचार नहीं कर रही है, हालांकि राज्य अपनी और से रियायतें देने के लिए स्वतंत्र हैं।

एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि टेस्ला भारत में गहरी दिलचस्पी दिखा रही है और वह यहां एक पूरी सप्लाई चेन बनाने की बात कर रहे हैं।

कंपनी के प्रतिनिधि पिछले महीने भारत आए थे और उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय सहित सरकार के विभिन्न विभागों के साथ बैठक की।

टेस्ला ने 2021 में भारत सरकार से इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर शुल्क में कमी की मांग की थी।

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