एक चौंकाने वाले अध्ययन में सामने आया है कि टायरों के घिसाव से महीन कणों का उत्सर्जन सेहत के लिए ख़तरा पैदा कर रहा है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि वाहनों के एक्जॉस्ट से जितनी मात्रा में महीन कण निकलते हैं उससे कहीं अधिक मात्रा में ऐसे कण टायरों के घर्षण से निकल कर वातावरण में आ रहे हैं।
हालांकि टायरों के नए डिज़ाइन इस ख़तरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
यूके सरकार के आंकड़ों का अध्ययन कर इम्पीरियल कॉलेज, लंदन के वैज्ञानिकों ने बताया कि साल 2021 में 52% कण टायरों और ब्रेक के घिसने से निकले जबकि कारों और दूसरे भारी वाहनों के एक्जॉस्ट से निकलने वाले कुल कणों का हिस्सा 25% था।
शोध में बताया गया है कि कारों के चलने पर छोटे कण टायरों से अलग होकर हवा में चले जाते हैं, और सांस के द्वारा फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं।
टायरों को बनाने में जो रसायन प्रयोग किए जाते हैं उनके कारण यह महीन कण स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक होते हैं।
भारत में वाहनों की संख्या और सड़कों का प्रयोग तेज़ी से बढ़ रहा है।
यहां पर ऐसा कोई अध्ययन उपलब्ध नहीं है। साल 2019 में ही करीब 30 करोड़ वाहन सड़क पर थे।
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