दिल्ली उच्च न्यायालय ने टाटा पावर (टीपीडीडीएल) की एनटीपीसी के साथ बिजली खरीद समझौता रद्द करने की याचिका को ख़ारिज कर दिया है। टाटा पावर ने मांग की थी कि एनटीपीसी को 30 नवंबर, 2020 के बाद उत्तर प्रदेश में दादरी- I बिजली संयंत्र से बिजली लेने के लिए टीपीडीडीएल को बिल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचिका इस आधार पर दायर की गई थी कि संयंत्र ने 25 वर्षों से अधिक पुराना हो चुका है, जो कि सेंट्रल इलैक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) की गाइडलाइन द्वारा तय कार्यकाल है। इसलिये इसलिए टाटा पावर अब सीईए के दिशानिर्देशों के तहत एनटीपीसी के साथ अपने बिजली खरीद समझौते से मुक्त है। हालांकि, राहत की किसी भी संभावना के बिना याचिका को खारिज कर दिया गया क्योंकि दिशानिर्देशों में कहा गया है कि समझौते को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा परस्पर सहमति होनी चाहिए। एनटीपीसी ने यह भी कहा कि बिजली मंत्रालय ने उसके संयंत्रों को 40 साल तक चलने की अनुमति दी है।
चीन ने 2021 में रिकॉर्ड कोयला उत्पादन किया
चीन का कोयला उत्पादन 2020 में 4.7% बढ़कर 2021 में 4.07 बिलियन (407 करोड़) टन के साथ अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। सर्दियों के मौसम को देखते हुए और पिछले साल सितंबर में ईंधन की कमी से उत्पन्न होने वाले तीव्र बिजली संकट की पुनरावृत्ति से बचने के लिए चीन ने अपनी कोयला खदानों में उत्पादन दोगुना कर दिया। वास्तव में, चीन ने 2021 में इतने कोयले का खनन किया कि 21 जनवरी, 2022 को, इसकी कंपनियों के कोयला भंडार की मात्रा जनवरी 2020 की तुलना में 40 मिलियन (4 करोड़) टन अधिक थी। भारत के साथ-साथ चीन ने भी COP26 में कोयले से बिजली उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से कम करने पर प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी। लेकिन इसके बावजूद भी वहां कोयला खनन की होड़ लगी है।
यूएई ने दिया तेल और गैस ड्रिलर्स को जलवायु चर्चा में शामिल करने का सुझाव
यूएई के उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रमुख का सुझाव है कि 2023 में जलवायु परिवर्तन महासम्मेलन में ‘तेल और गैस उद्योग के विशेषज्ञों और पेशेवरों के सुझाव भी शामिल हों’। यूएई अगले साल सीओपी 28 की मेजबानी करेगा। यह टिप्पणी इस आधार पर की गई कि विश्व रातों-रात शून्य कार्बन ऊर्जा पर स्विच नहीं कर सकता है, और ‘आर्थिक प्रणाली को बहुत कम कार्बन के साथ भी कुशलता से चलाने के लिए’ तेल और गैस उद्योग के साथ परामर्श की आवश्यकता होगी। रोचक बात यह है कि संयुक्त अरब अमीरात जहां एक ओर 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है, वहीं 2030 तक वह तेल के उत्पादन को वर्तमान 4 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़ाकर 5 मिलियन बीपीडी कर देगा।
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