नॉर्वे में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल देखा जा रहा है, जो गैस और डीजल वाहनों को पीछे छोड़ रही है| Wikimedia Commons

नॉर्वे में अब 90% कारें इलैक्ट्रिक या हाइब्रिड, अप्रैल 2022 तक बाज़ार में उतरने वाली हर कार होगी इलैक्ट्रिक

नॉर्वे में बिक रही 90% कारें अब इलैक्ट्रिक या हाइब्रिड हैं। कहा जा रहा है कि अप्रैल 2022 तक यहां के बाज़ार में पूरी तरह से इलैक्ट्रिक कारें ही होंगी। यहां बन रही नई कारों में 80% पूरी तरह इलैक्ट्रिक कारें हैं। बाज़ार में टेस्ला के मॉडल वाई और मॉडल 3 के साथ स्कोडा की एन्याक का दबदबा है। नॉर्वे बैटरी कारों के लिये उपभोक्ताओं को सबसे अधिक प्रोत्साहन देने वाला देश है। यहां बैटरी कार ग्राहकों को वैट पर पूरी  छूट मिलती है। नॉर्वे का इरादा 2025 तक नई पेट्रोल कारों की बिक्री पूरी तरह बन्द करने का है। अप्रैल 2022 तक यहां के बाज़ार में उतरने वाली हर नई कार पूरी तरह से इलैक्ट्रिक होंगी।

भारत देगा 3 लाख बैटरी तिपहिया और 3,400 ई-बसों का ऑर्डर

भारत की कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड (सीईएसएल) ने कहा है कि वह 3 लाख बैटरी वाहनों, 1200 इलैक्ट्रिक कारों (और एसयूवी) के साथ 3,400 ई-बसों के  लिये देश भर में टेंडर निकालेगी। इन टेंडरों में प्रति-किलोमीटर-भुगतान के नियम के हिसाब से वाहनों की  बोलियां लगाई जायेंगी जिनमें उनकी सर्विसिंग और बाकी खर्चे शामिल होंगे। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) इनकी खरीद करेगी। संभावना है कि 1 लाख तिपहिया बैटरी वाहनों की पहली खेप   अगले 18-24 महीनों में सड़क पर होगी।

कोल इंडिया करेगी बैटरी वाहनों और चार्जिंग पॉइन्ट्स में निवेश

भारत सरकार ने देश की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया से कहा है कि वह विद्युत वाहनों और ईवी चार्जिंग पॉइन्ट्स में निवेश करे। ई-मोबिलिटी को “सनराइज़ इंडस्ट्री” कहा जाता है  और सरकार का यह सुझाव “कोयला मंत्रालय के एजेंडा फॉर 2021-22” का हिस्सा है। कोल इंडिया पहले ही इस दिशा में काम करने का इरादा जता चुकी है लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि जिन चार्जिंग पॉइन्ट्स में कंपनी निवेश करेगी वह कोयले से बनी बिजली से चलेंगे या साफ ऊर्जा का इस्तेमाल होगा।

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