साल 2020 – बैटरी कार क्षेत्र में टेक्नोलॉजी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। भारत में हाइड्रोज़न से चलने वाली कार का सफल ट्रायल भी हुआ है | Photo: Autocar India

दिल्ली, तेलंगाना ने अपनाई ईवी नीति, ओला बनायेगा दुनिया की सबसे बड़ी स्कूटर फैक्ट्री

दिल्ली सरकार ने आखिरकार बैटरी वाहन नीति को औपचारिक रूप से नोटिफाई कर दिया। इस नीति के तहत शहर में बिकने वाले कम से कम 25% वाहन इलैक्ट्रिक होंगे और इनकी खरीद पर 5000 रुपये प्रति किलोवॉट घंटा के हिसाब से छूट दी जायेगी। इस प्रकार बैटरी दुपहिया की खरीद पर 30,000 रुपये की अधिकतम छूट और बैटरी कार की खरीद पर 1,50,000 की छूट की सीमा तय की गई है।

उधर तेलंगाना ने भी EV पॉलिसी को लागू कर दिया है जिसके तहत सभी कैटेगरी के वाहनों पर छूट मिलेगी। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस क्षेत्र में 30,000 करोड़ का निवेश आये।  इस धन से दिवितिपल्ली में एनर्जी पार्क लगा जायेगा ताकि बैटरी वाहन निर्माता राज्य में कारखाना लगायें। सरकार करीब 1.2 लाख रोज़गार पैदा करना चाहती है। संयोग से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में पिछले साल के मुकाबले बैटरी वाहनों की बिक्री 23% बढ़ गई है और इस तेज़ी में घटी हुई जीएसटी दरों (12% से 5%) का भी असर है।

उधर टैक्सी सर्विस कंपनी ओला ने तमिलनाडु में दुनिया की सबसे बड़ी स्कूटर फैक्ट्री के लिये 32.7 करोड़ डॉलर के निवेश का फैसला किया है। ओला गांवों और छोटे शहरों तक अपनी पहुंच बनाने के लिये ज़ोर लगा रही है।  माना जा रहा है कि यह फैक्ट्री 2 लाख बैटरी स्कूटर हर साल बनायेगी। 

बैटरी की कीमत $110 /kWh तक गिरी

लीथियम आयन इंटेलिजेंस फर्म, बेंचमार्क मिनिरल इंटेलिजेंस (BMI) के मुताबिक लीथियम आयन बैटरी की कीमत $110 प्रति किलोवॉट-घंटा तक गिर गई है। यह कार इंडस्ट्री के “टिपिंग पॉइंट” यानी लक्ष्य $100 प्रति किलोवॉट-घंटा के बहुत करीब है। बैटरी की कीमत साल 2010 में $1100 प्रति किलोवॉट-घंटा थी और 2019 आते-आते यह $156 तक पहुंची। बैटरी के दामों में यह क्रांतिकारी बदलाव टेक्नोलॉजी में बड़ी छलांग के कारण संभव हो पाया है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी कार निर्माता टेस्ला भी मान रही है। यह बदलाव उपभोक्ताओं को पुरानी आईसी इंजन कारों से हटकर बैटरी कारों के इस्तेमाल के लिये प्रेरित करेगा।

भारत में हाइड्रोजन सेल से चलने वाली कार का सफल ट्रायल

भारत ने एक सफल ट्रायल रन किया है जिसमें वाहन हाइड्रोजन ईंधन सेल  से चलता है। इसमें जिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है उसे प्रोटोन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (PEM) कहा जाता है। यह बैटरी के तापमान को 65-75 डिग्री सेल्सियस तक रखती है जो इसे सड़क के हालात के अनुकूल है।  इस तकनीक को विकसित करने में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और पुणे स्थित KPIT टेक्नोलॉजी का हाथ है। अभी माना जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मालवाहकों (बड़े ट्रकों)  के लिये होगा क्योंकि जो फ्यूल सेल बनाये गये हैं वह अधिक भारी इंजन के साथ किफायती साबित होंगे।

टेस्ला भारत में 2021 से बेचेगी कारें

ऑटोमोबाइल की दुनिया में लगातार यह बहस चल रही है कि भारत कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से देश में बैटरी कारों की बिक्री और इस्तेमाल के लिये मूलभूत ढांचा तैयार करता है। इस बीच जानी मानी अमेरिकी बैटरी कार कंपनी टेस्ला ने घोषणा की है कि वह 2021 भारत में कार बेचना शुरू करेगी। इसके लिये जनवरी से ऑर्डर बुक किये जायेंगे। माना जा रहा है कि टेस्ला का कदम भारत में बैटरी वाहनों के लिये इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में बड़ा रोल अदा करेगा। टेस्ला एक बड़ा कारखाना (गीगा-फैक्ट्री) लगाने के लिये कर्नाटक सरकार से बात कर रही है। इससे पहले टेस्ला चीन के शंघाई में ऐसा कारखाना लगा चुकी है। वैसे भारत की इम्पोर्ट ड्यूटी को लेकर टेस्ला के सीईओ ईलोन मस्क असंतोष ज़ाहिर कर चुके हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.