बंगा ने कहा कि सवा लाख करोड़ की सब्सिडी जायज़ नहीं। Photo: @WorldBank on X

पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाली सब्सिडी के खिलाफ बोले विश्व बैंक प्रमुख

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कृषि, जीवाश्म ईंधन और मछली पालन समेत कई क्षेत्रों में दी जा रही सब्सिडी को घटाने की अपील की है। माराकेश (मोरक्को) में विश्व बैंक और आईएमएफ की एक प्रेस वार्ता में बंगा ने कहा कि पूरी दुनिया में सरकारें कुल 1.25 लाख करोड़ डॉलर मूल्य की सब्सिडी इन क्षेत्रों में दे रही है जिसके कारण कुल 5 से 6 लाख करोड़ डॉलर मूल्य के पर्यावरणीय प्रभाव होते हैं।   

जलवायु परिवर्तन प्रभावों से लड़ने के लिये फंड की ज़रूरत है। बंगा ने कहा कि सभी सब्सिडी बंद नहीं की जा सकती क्योंकि सामाजिक सरोकारों के लिये कुछ सब्सिडी “मिशन-क्रिटिकल” हैं लेकिन सरकारों द्वारा सवा लाख करोड़ डॉलर की सब्सिडी को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।  

जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञों का कहना है कि बंगा ने जो कहा वह दिशा तो ठीक है लेकिन किसकी सब्सिडी कितनी कम होनी चाहिये यह महत्वपूर्ण मुद्दा है जो समता और समानता (इक्विटी) के सिद्धांत  से भी जुड़ा है। 

क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क में ग्लोबल राजनीतिक रणनीति के प्रमुख हरजीत सिंह कहते हैं, “गरीबों और किसानों को मिल रही सब्सिडी को विकासशील देशों में नहीं हटाया जा सकता उनको कुछ ना कुछ सहयोग देना ही होगा और यह बात काफी हद तक अब विकसित देशों के लिए भी सही है क्योंकि बढ़ते एनर्जी प्राइस के कारण कॉस्ट ऑफ लिविंग काफी बढ़ गई है।” 

सिंह ने कहा, “हमें यह देखना चाहिए कि जो बड़ी कॉरपोरेशन्स हैं, विशेष रूप से तेल और गैस कंपनियां, वे इन सब्सिडीज से भरपूर मुनाफा कमा रही हैं और क्लाइमेट एक्शन के लिये तैयार नहीं है। समस्या को हल करने के लिये उसे पहचानना और तह तक जाना ज़रूरी है।”

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.