भविष्य की चिन्ता: संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने संभावित भयानक आपदाओं के ख़तरे को देखते हुये सभी देशों से कार्बन उत्सर्जन कम करने को कहा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है । फ़ोटो: YNetNews

ग्लोबल वॉर्मिंग: संयुक्त राष्ट्र ने देशों से कड़े कदम उठाने को कहा

सितंबर में न्यूयॉर्क में होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने अपील की है कि 2020 तक सभी देश कार्बन उत्सर्जन कम करने के अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य को और कड़ा करें ताकि धरती के तापमान में बढ़ोतरी 1.5 डिग्री तक सीमित रखी जा सके। अपनी ताज़ा न्यूज़ीलैंड यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने चेतावनी दी कि विश्व के देश तापमान वृद्धि को ज़रूरी 1.5 डिग्री के बैरियर के नीचे रखने के लिये पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुट्रिस ने कहा है कि 2020 के बाद कोई भी देश कोयला बिजलीघर न लगाये। गुट्रिस ने चेताया है, “अगर आप लक्ष्य हासिल नहीं करते तो तबाही तय है।”

ऑस्ट्रेलिया: तटीय इलाकों के आदिवासियों ने की सरकार के खिलाफ शिकायत

ऑस्ट्रेलिया में निचले समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले आदिवासियों ने मानवाधिकार कमेटी में सरकार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। टॉरिस द्वीपों के आदिवासियों ने अपनी शिकायत में कहा है समुद्र के बढ़ते जलस्तर ने उनका जीवन संकट में डाल दिया है। CNN के मुताबिक करीब 270 द्वीपों के निवासियों ने कहा है कि उनके जीते जी उनके घर, कब्रिस्तान और सांस्कृतिक जगहें सब डूब जायेंगी। 

UK के बाद आयरलैंड ने घोषित की क्लाइमेट इमरजेंसी

आयरलैंड गणराज्य, यूनाइटेड किंगडम के बाद दूसरा देश है जिसने जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को लेकर आपातकाल घोषित किया है। UK ने 1 मई को यह घोषणा की थी। आयरलैंड में यह प्रस्ताव बिना वोट के सर्वसम्मति से पास किया गया। जहां आयरलैंड के कई हिस्से नेट कार्बन इमीशन को ज़ीरो करने की योजना बना रहे हैं वहीं स्कॉटलैंड ने 2045 और न्यूज़ीलैंड ने 2050 तक यह लक्ष्य हासिल करने की बात कही है।

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