वितरण कंपनियों द्वारा (नीलामी के दौरान तय हुई दरों पर) खरीद से इनकार कर दिये जाने के बाद मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड सोलर प्रोजक्ट्स ने दरें ₹ 2.92 प्रति किलोवॉट घंटा से घटाकर ₹ 2.54 प्रति किलोवॉट घंटा कर दी हैं। सोलर इलैक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने नीलामी में कामयाब अडानी और अज़ूर ग्रुप को इसके लिये तैयार कर लिया। वितरण कंपनियो के साथ अनुबंध हो जाने के बाद कॉर्पोरेशन इन दो कंपनियों के साथ बिजली खरीद अनुबंध करेगा। इस बीच उड़ीसा में ग्रिड पावर कॉर्पोरेशन के अलावा छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में वितरण कंपनियों के साथ सोलर इलैक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने अनुबंध किया है।
सोलर सब्सिडी रद्द करने पर व्यापारी ने गुजरात सरकार को हाईकोर्ट में घसीटा
गुजरात में एक व्यापारी ने राज्य सरकार के खिलाफ हाइकोर्ट में मुकदमा कर दिया है। व्यापारी ने यह मुकदमा सरकार द्वारा छोटे वितरण सोलर प्रोजेक्ट को दी जाने वाली सब्सिडी पॉलिसी (2019) को वापस लेने पर किया है और सरकार से मुआवजा मांगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने महीसागर ज़िले के एक व्यापारी रमनलाल पटेल द्वारा केस किये जाने पर अधिकारियों को नोटिस जारी किया। पटेल ने अपनी अपील में कहा है कि उसने सरकार द्वारा घोषित नीति के कारण ही ज़मीन, उपकरण और सर्विसेज में निवेश किया और उसकी यूनिट माइक्रो इंटरप्राइस श्रेणी में थी लेकिन फिर सरकार ने एमएसएमई के लिये यह पॉलिसी हटा ली जो कि गैरक़ानूनी है।
रूफटॉप सोलर: 2018 के बाद 2021 होगा दूसरा सबसे बड़ा साल ?
घरों पर छतों में सोलर लगाने के ग्राफ में उछाल दर्ज किया गया है। इससे कुल रूफटॉप सोलर की क्षमता 53% बढ़ी है। यह जनवरी-मार्च 2021 में 341 मेगावॉट थी जो अप्रैल-जून 2021 में 521 मेगावॉट हो गई। मरकॉम के मुताबिक कोरोना महामारी के बावजूद किसी एक तिमाही में अब तक यह सबसे बड़ा उछाल है। साल-दर-साल (y-o-y) के आधार पर पिछले साल की दूसरी तिमाही में लगे 85 मेगावॉट के मुकाबले इस साल की दूसरी तिमाही में 517% का उछाल है।
अप्रैल से जून के बीच सबसे अधिक 55% सोलर पैनल गुजरात में लगे। इसके बाद महाराष्ट्र और हरियाणा का नंबर है। इस साल जनवरी से जून तक भारत की रूफटॉप क्षमता में 862 मेगावॉट का इज़ाफा हुआ है जो पिछले साल की तुलना में 210% अधिक है। मरकॉम के मुताबिक पिछले पूरे साल 2020 में 719 मेगावॉट ही रूफ टॉप लगा था जिसे इस साल के पहले 6 महीनों में पार कर लिया गया है।
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