क्या भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार हैं कोयला समृद्ध क्षेत्रों के युवा
झारखंड देश को ऊर्जा और खनिज देने वाले राज्यों में अग्रणी है, लेकिन आज यहां की युवा पीढ़ी अपने भविष्य को लेकर फिक्रमंद है।
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इस साल के अंत में संयुक्त अरब अमीरात में होने वाली जलवायु परिवर्तन वार्ता में
केंद्र सरकार के वन संरक्षण कानून (फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट) 1980 को संशोधित करने के लिए
जीवाश्म ईंधन के लिए दी जा रही खरबों डॉलर की सब्सिडी पर्यावरण के विनाश का
कार्बन डाइऑक्साइड के जरुरत से ज्यादा उत्सर्जन का 90 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका और जर्मनी जैसे
भारत जी-20 वार्ताओं में ‘जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन’ की चर्चा पर जोर देगा, क्योंकि देश में
भारत अपनी राष्ट्रीय विद्युत नीति (एनईपी) के अंतिम मसौदे से एक महत्वपूर्ण खंड को हटाकर
झारखंड में ऊर्जा परिवर्तन के प्रभावों और कोयला श्रमिकों की वैकल्पिक आजीविका को लेकर दिल्ली
भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसके
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की है कि भारत 2025-26 तक कोयले का