माना जा रहा था कि अल निनो प्रभाव के कारण इस साल मॉनसून पर असर पड़ सकता है लेकिन मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा है कि इस साल मॉनसून ‘सामान्य’ ही रहेगा।
आईएमडी ने जून से सितंबर के बीच पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मॉनसून दीर्घावधि औसत (लॉन्ग पीरियड औसत) का 96% बताया है। 1971 से 2020 तक की बारिश का औसत लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) कहा जाता है। मौसम विभाग के मुताबिक इस अनुमान में +/- 5% की त्रुटि हो सकती है।
मौसम विभाग से पहले प्राइवेट वेदर फोरकास्टिंग एजेंसी स्काइमेट ने अल निनो प्रभाव के कारण इस साल ‘सामान्य से कम’ (करीब 94%) रहने की भविष्यवाणी की।
अल निनो प्रभाव के तहत प्रशान्त महासागर के पूर्वी मध्यरेखीय हिस्से में समुद्र गर्म होता है जिसका प्रभाव मॉनसून पर देखा जा सकता है। मौसम विभाग के निदेशक डी महापात्रा ने कहा कि अल निनो वाले साल बुरे मॉनसून वाले नहीं होते।
उन्होंने आंकड़ा दिया कि 1951 से अब तक अल निनो प्रभाव वाले 15 वर्ष हुए हैं जिनमें से 6 साल ऐसे हैं जिनमें ‘सामान्य’ या ‘सामान्य से अधिक’ बारिश हुई।
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