केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने राज्य की डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को चेतावनी दी है कि अगर वह अपने करीब साढ़े पांच हज़ार करोड़ के बकाया नहीं चुकाते हैं तो उनके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में मुकदमा चल सकता है। ऊर्जा मंत्री के मुताबिक डिस्कॉम द्वारा अदायगी न करने पर बिजली कंपनियां भुगतान करने में असमर्थ हो जाती हैं। आंध्र प्रदेश की वितरण कंपनियों सबसे अधिक 2000 करोड़ बकाया है। उसके बाद तमिलनाडु और तेलंगाना का नंबर है।
रूफ टॉप सोलर में चाहिये 10 गुना की बढ़त: मंत्रालय
साफ ऊर्जा मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि छत पर सोलर पावर (रूफ टॉप सोलर) के मामले में निर्धारित 40,000 मेगावॉट का लक्ष्य हासिल करने के लिये भारत को 10 गुना क्षमता बढ़ानी होगी। वित्त वर्ष 2018-19 के लिये “SARAL: State rooftop solar attractiveness index” नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राज्यों ने इस दिशा में बहुत अच्छी तरक्की की है। मिसाल के तौर पर महाराष्ट्र ने पिछले साल 450 मेगावॉट क्षमता के सोलर पैनल लगाये। इसी तरह दिल्ली ने सबसे उम्दा नेट-मीटरिंग रेग्युलेशन शुरू किया और कर्नाटक में सभी जानकारियों के साथ एक ई-पोर्टल शुरू किया गया ताकि सभी आवेदनों को पर बिना किसी झंझट और परेशानी के कार्यवाही हो सके।
सोलर सेल: भारत और चीन मिलकर करेंगे रिसर्च
नीति आयोग ने कहा है कि भारत और चीन सोलर सेल बनाने के लिये वैकल्पिक सामग्री के प्रयोग और सोलर सेल की दक्षता (efficiency) बढ़ाने के लिये एक साथ काम करेंगे। इसके तहत दोनों देश एक दूसरे को रिसर्च और डेवलपमेंट में मदद करेंगे। यह फैसला अभी हाल में आर्थिक-रणनीतिक मामलों में हुये छठे भारत-चीन संवाद में लिया गया। दोनों देश ऊर्जा, टैक्नोलॉजी और नीति समन्वय समेत अलग-अलग क्षेत्रों में 6 संयुक्त कार्यदलों का गठन करेंगे।
सौर ऊर्जा पैनल: जून की तिमाही में 14% गिरावट साफ ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली मरकॉम इंडिया के मुताबिक सोलर पैनल स्थापित करने के मामले में इस साल दूसरी तिमाही में ग्राफ गिरा है। रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल से जून 2019 में कुल 1510 मेगावॉट क्षमता के पैनल लगे जबकि पिछले साल इसी दौरान 1665 मेगावॉट के पैनल लगे थे। यह गिरावट 14% है। 2019 की पहली तिमाही में तो 2018 की पहली तिमाही के मुकाबले 35% की गिरावट दर्ज हुई थी। मरकॉम की रिपोर्ट में इस कमी की वजह रूफ टॉप सोलर में गिरावट और सोलर पैनल प्रोजेक्ट में निवेश की कमी है। रिपोर्ट कहती है कि इस साल भारत कुल 8000 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकता है और 2022 तक उसकी कुल क्षमता 70,000 मेगावॉट हो सकती है।
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