जहां अमेरिका और चीन ने पिछले 12 साल में उम्दा तकनीक के ज़रिये अपने सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2) के उत्सर्जन तेज़ी से कम किये हैं वहीं भारत मानवजनित SO2 छोड़ने के मामले में दुनिया में सबसे आगे निकल गया है। पर्यावरण पर नज़र रखने वाली ग्रीनपीस इंडिया ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के आंकड़ों और उपग्रह से मिली तस्वीरों के आधार पर एक विश्लेषण जारी किया है।
यह विश्लेषण बताता है कि भारत दुनिया में इंसानी हरकतों से हो रहे SO2 इमीशन के मामले में नंबर-1 है। यह कुल 15% SO2 इमीशन कर रहा है। जबकि चीन ने फ्ल्यू गैस डी-सल्फराइजेशन (FGD) तकनीक से अपने इमीशन तेज़ी से घटाये हैं। यह गैस वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है क्योंकि यह अस्थमा के मरीज़ों और बच्चों को गले और फेफड़ों के साथ आंखों में तकलीफ देती है। इसके अलावा SO2 के कण नाइट्रोज़न के तमाम रूपों के साथ मिलकर PM 2.5 के स्तर को बढ़ाते हैं।
नासा के आंकड़ों के हवाले से ग्रीनपीस का कहना है कि भारत में 97% SO2 उत्सर्जन वहां पर हो रहा है जहां कोयला बिजलीघर मौजूद हैं। भारत के सिंगरौली, कोरबा, झारसुगुड़ा के अलावा कच्छ, चेन्नई और कोराड़ी इसके प्रमुख केंद्र हैं।
तमिलनाडु देश के भीतर सबसे अधिक SO2 उत्सर्जन करने वाला राज्य है। उसके बाद उड़ीसा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश हैं।
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