साल 2025 में भारत में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन में लगभग तीन गुना वृद्धि होने का अनुमान है। मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर जैसे प्रमुख कार निर्माता अगले साल अपने ईवी मॉडल लांच करने वाले हैं।
एस&पी ग्लोबल मोबिलिटी के अनुमान के अनुसार, 2024 में भारत में लगभग 130,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन होने की उम्मीद है। यह बाजार में कुल लाइट व्हीकल (एलवी) उत्पादन की केवल 2.6 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिसमें अंतर्दहन इंजन (आईसीई), इलेक्ट्रिक और अन्य प्रकार के वाहन शामिल हैं। जबकि 2023 में, ईवी का उत्पादन 100,000 यूनिटों से थोड़ा अधिक था, जिसका मार्केट शेयर 2.1 प्रतिशत था।
एस&पी का अनुमान है कि 2025 में ईवी उत्पादन 377,000 यूनिटों तक पहुंच जाएगा।
चार्जिंग को लेकर चिंतित रहते हैं 58% ईवी खरीदार
भारत में सीमित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण 58% संभावित ईवी खरीदार ‘रेंज एंग्जायटी’, यानि चार्जिंग ख़त्म होने के डर से प्रभावित रहते हैं। फ़ोर्विस मज़ार्स की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 तक भारत में 12,146 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन थे, यानी 135 इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक, जबकि अमेरिका में 20 वाहनों पर एक स्टेशन है और चीन में प्रति 10 पर एक।
अधिकांश चार्जर (70%) शहरों में हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र वंचित रह जाते हैं। बार-बार डाउनटाइम और 1.5-2 घंटे की धीमी चार्जिंग उपयोगकर्ताओं को और अधिक हतोत्साहित करता है। रिपोर्ट में जो समाधान सुझाए गए हैं उनमें बुनियादी ढांचे का विस्तार, बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार और सार्वजनिक-निजी भागीदारी आदि शामिल हैं।
इंडिगो से विवाद के बीच महिंद्रा ने बदला ईवी मॉडल का नाम
महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि वह अपनी आगामी बीई 6ई इलेक्ट्रिक कार के लिए ‘6ई’ ट्रेडमार्क का उपयोग तब तक नहीं करेगी जब तक इंडिगो द्वारा उसके खिलाफ दायर किया गया ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा हल नहीं हो जाता।
महिंद्रा ने मॉडल को ‘बीई 6’ के रूप में रीब्रांड करने की योजना बनाई है, लेकिन उसका इरादा इंडिगो के दावे का मुकाबला करने का भी है। बदले में, इंडिगो महिंद्रा के खलाफ कोर्ट से किसी आदेश की गुहार न लगाने पर सहमत हो गई है। मामले की सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी।
इंडिगो की दलील है कि बीई 6ई नाम इसके ट्रेडमार्क का उल्लंघन करता है।
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