भारत अब अमेरिका की अध्यक्षता वाले खनिज समूह — मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप (एमएसपी) – का सदस्य बन गया है। भारत पहला विकासशील देश है जो इस 13 देशों के इस महत्वपूर्ण क्लब का सदस्य बना है। प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका राष्ट्रपति के साथ साझा बयान में इसकी घोषणा की गई। एमसपी में अमेरिका और भारत के अलावा जापान, कनाडा, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, स्वीडन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और जापान शामिल हैं।
यह समूह इन देशों में महत्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए है। माना जा रहा है कि रणनीतिक रूप से यह समूह खनिज क्षेत्र में चीन के दबदबे का सामना करने के लिये बनाया गया है। अभी दुनिया के कुल बैटरी वाहनों का एक तिहाई चीन में ही बनते हैं और विश्व की 77 प्रतिशत ईवी बैटरियां भी चीन ही बनाता है। माना जा रहा है कि भारत की बैटरी वाहन नीति के संदर्भ में इस क्लब की सदस्यता काफी उपयोगी सिद्ध होगी।
कंपनियों द्वारा समान मानकों का विरोध करने से सरकार की बैटरी स्वैपिंग नीति रुकी
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करना पारंपरिक वाहनों में ईंधन भरने जितना ही आसान बनाने के लिए बैटरी स्वैपिंग नीति शुरू करने की सरकार की योजना को धक्का लगा है। योजना के मसौदे में प्रस्तावित इंटरऑपरेबिलिटी मानकों पर ईवी उद्योग ने विरोध दर्ज कराया है।
ईटी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अब इस योजना का एक अत्यधिक ‘कमजोर’ संस्करण प्रधान मंत्री कार्यालय के पास विचाराधीन है। इससे पहले इंटरऑपरेबिलिटी से संबंधित कुछ खंडों को हटाने के लिए ईवी उद्योग की लॉबिंग के कारण नीति को अंतिम रूप देने में कई बार देरी हुई।
योजना के मसौदे में सभी निर्माताओं के लिए बैटरी के समान मानक निर्धारित किए गए थे ताकि उपभोक्ताओं के लिए बैटरी स्वैपिंग आसान हो जाए। लेकिन ईवी कंपनियां इस इंटरऑपरेबिलिटी प्रस्ताव के खिलाफ लामबंद होगईं, क्योंकि उन्हें मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण के लिए तैयार प्रोटोटाइप में भारी बदलाव करना पड़ता।
ईवी की बिक्री बढ़ी, लेकिन प्रगति अभी भी धीमी
साल 2023 की दूसरी तिमाही में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 66% अधिक रही। इस साल की दूसरी तिमाही में ईवी की 371,340 इकाइयां बेची गईं, जबकि पिछले साल की दूसरी तिमाही में 223,293 इकाइयां बेची गईं थीं। वहीं पिछली तिमाही की अपेक्षा इस तिमाही में बिक्री 6% बढ़ गई।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डैशबोर्ड पर जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 7.2% है।
लेकिन तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार होने और विभिन्न सरकारी प्रोत्साहनों के बावजूद, भारत ईवी के प्रयोग में पिछड़ा हुआ है। एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में ईवी की बिक्री दोगुनी से अधिक हो गई है, लेकिन पिछले 12 महीनों में यह कुल हल्के वाहनों की बिक्री का लगभग 2% है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अभी भी एक शक्तिशाली ईवी के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना बाकी है। साथ ही हम बैटरी निर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे संबंधित क्षेत्रों में भी पिछड़ रहे हैं।
कारगिल में चार ई-बसें लॉन्च की गईं
कारगिल में चार 100% जीरो एमिशन इलेक्ट्रिक बसों का पहला बैच लॉन्च किया गया। अधिकारियों ने इस पहल को लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल केंद्र शासित प्रदेश में बदलने और लेह और कारगिल को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक कदम बताया।
पहली बस नए जिला अस्पताल के क्षेत्र सहित कारगिल शहर को कवर करते हुए संचालित होगी, जबकि दूसरी बस कारगिल से संकू तक एक दिन में तीन चक्कर लगाएगी। तीसरी ई-बस कारगिल से द्रास और वापस कारगिल तक संचालित होगी और चौथी ई-बस कारगिल से लेह तक दैनिक आधार पर संचालित होगी।
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