हाल ही में ख़बर आई थी कि पूरी तरह बाहर बनी बैटरी कारों पर आयात शुल्क घटाने से सरकारों ने इनकार कर दिया है। अब समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट संकेत देती है कि सरकार आखिरकार इस ड्यूटी को 40% तक कम कर सकती है। इसका मतलब है कि 40,000 की कार की ड्यूटी 60% से घटकर 40% हो जायेगी और इससे अधिक महंगी कार की ड्यूटी 100% से घटकर 60% हो जायेंगी। इस ख़बर को आधिकारिक रूप से पुष्ट नहीं किया गया है कि लेकिन बड़ी कार कंपनियों टेस्ला और वीडब्लू ने भारत सरकार से मांग की थी कि हिन्दुस्तान के उपभोक्ताओं की पहुंच लायक इलैक्ट्रिक कारें तभी बन पायेंगी जब ड्यूटी में कटौती हो।
अमेरिका: 2030 तक बिकने वाले नये वाहनों में 50% ईवी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक शासकीय आदेश पर दस्तखत किये हैं जिसके मुताबिक लक्ष्य है कि साल 2030 तक वहां बिकने वाले आधे वाहन इलैक्ट्रिक होंगे। असल में बाइडेन सीनेट में 1.2 लाख करोड़ डालर का इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल पेश कर रहे हैं जिसमें 1500 करोड़ डॉलर तो ईवी चार्जिंग स्टेशनों और इलैक्ट्रिक बसों के लिये हैं। यह आदेश इसी बिल का हिस्सा है। इससे गैसोलीन की खपत में 20,000 करोड़ लीटर की कटौती होगी और वातावरण में 200 करोड़ टन कार्बन डाइ ऑक्साइड जाने से रुकेगी।
रुस: ईवी की खरीद पर 25% सब्सिडी की योजना
रुसी सरकार ने घोषणा की है कि वह विद्युत वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिये देश के भीतर बनी 6,25,000 रूबल्स (8,570 डॉलर) तक कीमत वाले ईवी पर 25% तक छूट देगी। अभी देश में 4.5 करोड़ कारें हैं लेकिन इसमें केवल 11,000 ईवी हैं पर उसने पेरिस संधि पर दस्तखत किये हैं 2030 तक अपने उत्सर्जन को 1990 के स्तर से 70% लाने का वादा किया है। रूस ते और गैस का बड़ा उत्पादक देश है लेकिन वह 2030 तक 2,20,000 विद्युत वाहन बेचने का लक्ष्य बना रहा है। कई बड़ी कंपनियां रूस में ईवी के कारखाने लगाने में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
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