दिल्ली में अचानक बिगड़ी हवा, ग्रैप-4 प्रतिबंध वापस लागू

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट के बीच बुधवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 4 के तहत प्रतिबंध वापस लागू कर दिए गए। कुछ दिन पहले बारिश के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार के स्टेज 3 प्रतिबंधों को वापस ले लिया था।

लेकिन प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण एक्यूआई 125 अंक गिरकर 386 (बेहद ख़राब) पर पहुंच गया। स्टेज 4 के प्रतिबंधों के तहत सभी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेंगे, दिल्ली में गैर-आवश्यक प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश वर्जित होगा और स्कूलों के लिए कक्षा 10 और 12 को छोड़कर सभी कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में संचालित करना आवश्यक होगा।

चालीस साल बाद शुरू हुआ भोपाल गैस कांड के कचरे का निपटारा, लेकिन आशंका बरकरार

भोपाल गैस त्रासदी के चालीस साल बाद आखिरकार यूनियन कार्बाइड प्लांट से जहरीले कचरे को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।  लेकिन इस अभियान को लेकर शंका बरकरार है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनता को आश्वासन दिया कि पीथमपुर में अपशिष्ट निपटान से कोई खतरा नहीं है। हालांकि, स्थनीय निवासी और क्लाइमेट एक्टिविस्ट संशय में हैं।

पीथमपुर में स्थानीय लोगों ने संभावित जोखिमों की आशंका जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। जबकि पर्यावरणविदों का तर्क है कि कचरे को स्थानांतरित करने से व्यापक समाधान मिलने के बजाय समस्या को दूसरे समुदाय के बीच भेजा जा रहा है।  उनका आरोप है कि सरकार केवल एक जनसंपर्क अभियान चला रही है और क्षेत्र में भूजल और मिट्टी को प्रभावित करने वाले व्यापक प्रदूषण की अनदेखी कर रही है। 

यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर छिड़ी बहस भारत में खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन के व्यापक मुद्दे को रेखांकित करती है। जहरीले कचरे को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ले जाने की घटनाओं के कारण अहमदाबाद और चेन्नई के के बाहरी इलाकों में समेत देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया पेट्रोल, डीज़ल कारों को फेज आउट करने पर पैनल गठित करने का आदेश

मुंबई में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र, बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पेट्रोल और डीजल वाहनों पर फेज आउट करने पर विचार करने के लिए पैनल गठित करने का आदेश दिया है। 

मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने सरकार को एक पखवाड़े के भीतर विशेषज्ञों और प्रशासकों की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया, जो इस बात पर विचार करेगी कि क्या मुंबई की सड़कों से डीजल और पेट्रोल आधारित वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना और केवल सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देना संभव होगा।

कोर्ट ने प्रदूषण की रोकथाम में विफल रहने के लिए महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) को भी फटकार लगाई, और प्रशासन से कंस्ट्रक्शन साइट्स के साथ-साथ बेकरियों और होटलों में प्रयोग की जाने वाली भट्टियों को रेगुलेट करने के लिए कहा। 

गाड़ियों के टायर से निकलने वाला माइक्रोप्लास्टिक दे सकता है फेफड़ों, पेट का कैंसर

एक नए रिसर्च में पता चला है कि गाड़ियों के टायर और प्लास्टिक कचरे से निकलने वाले माइक्रोप्लास्टिक कण बांझपन, पेट के कैंसर और सांस की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। चावल के दाने से भी छोटे ये कण कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इन्फ्लेमेशन पैदा कर सकते हैं और आंत के बैक्टीरिया को प्रभावित कर सकते हैं।

मनुष्य सांस लेने और निगलने के माध्यम से माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आते हैं। फेफड़े और रक्त सहित मानव शरीर के विभिन्न ऊतकों और तरल पदार्थों में माइक्रोप्लास्टिक कण मिले हैं, जिससे स्वास्थ्य पर उनके संभावित प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

Website | + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.