फेम योजना के तहत सब्सिडी पाने के लिए ईवी निर्माताओं ने की थी कीमतों में हेर-फेर।

ग्राहकों को चार्जर का पैसा वापस करेंगी चार ईवी कंपनियां

ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, टीवीएस मोटर और हीरो मोटरकॉर्प आदि कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के ग्राहकों बेचे गए चार्जर्स की कीमत वापस करेंगी

ईवी निर्माताओं ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि केंद्र ने उन्हें चार्जर की कीमत ग्राहकों से वसूलने के कारण फेम-II योजना के तहत इंसेंटिव देने से मना कर दिया था। कंपनियां ग्राहकों को कुल मिलकर करीब 300 करोड़ रुपए वापस करेंगी, जिसके बाद इन्हें फेम-II इंसेंटिव फिर से मिल सकेंगे।

इन कंपनियों पर आरोप थे कि इन्होंने सब्सिडी का दावा करने के लिए जानबूझ कर अपने स्कूटर्स की कीमतों को कम रखा, लेकिन चार्जर्स और सॉफ्टवेयर के नाम पर ग्राहकों से अलग से पैसे वसूल लिए।

इन विसंगतियों का पता चलने के बाद सरकार ने ईवी निर्माताओं को फेम योजना का लाभ देना बंद कर दिया था।

बंगाल सरकार के नोटिस के कारण रुका है प्रोजेक्ट: हिन्दुस्तान मोटर्स  

कभी एम्बेसेडर कार के लिये विख्यात रही हिन्दुस्तान मोटर्स ने कहा है कि उत्तरपाड़ा में उसका ईवी प्लांट पश्चिम बंगाल सरकार के नोटिस के कारण रुका हुआ है। असल में कंपनी ने मई 2014 में ज़मीन पर काम निलंबित करने की घोषणा की थी और राज्य सरकार द्वारा लम्बी वक्त तक निष्क्रियता के कारण ज़मीन वापस लेने का फ़ैसला कर लिया। 

शेयर बाज़ार को दी जानकारी में कंपनी ने कहा है इलैक्ट्रिक वाहन सेगमेंट की एक कंपनी के साथ वार्ता कर रही है और उसने एमओयू भी किया है लेकिन अब तक प्रोजेक्ट इसलिये रुका है क्योंकि उत्तरपाड़ा में कंपनी की ज़मीन पर कार्य दोबारा शुरू करने की अनुमति नहीं मिल पाई है। 

कोलकात ने निकलने वाले अख़बार द टेलीग्राफ के मुताबिक साल 2006 में राज्य सरकार ने कंपनी को 307 एकड़ ज़मीन बेचने की अनुमति दी थी ताकि काम शुरू करने के लिये ज़रूरी 85 करोड़ कमा सके। लेकिन बाद में पता चला कि कंपनी ने  बंगाल श्रीराम को 300 करोड़ में प्लॉट बेचा। साल 2014 में ऑडिट के बाद राज्य सरकार ने कंपनी से अतिरिक्त धन सरकारी कोष में जमा करने को कहा लेकिन कंपनी ने बताया कि वह ईवी निर्माण शुरू करने जा रही है। 

ईवी दुपहिया और तिपहिया के सुरक्षा सर्टिफिकेशन में देरी से गिरी सेल  

पिछले महीने बैटरी दुपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री गिर गई। ईवी निर्माताओं ने इसके पीछे सुरक्षा सर्टिफिकेशन में देरी को वजह बताया। उनके मुताबिक नए  सेफ्टी रेग्युलेशन के तहत प्रोडक्ट को प्रमाण पत्र मिलने में देरी हुई और उत्पादन गिरा। 

सरकार ने वाहनों में आग लगने की समस्या से निपटने के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के नियम 156 में संशोधन करके, इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए नए सुरक्षा नियम लागू किए हैं। ईवी निर्माताओं के लिए इन नए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

सरकार के वाहन पोर्टल से प्राप्त पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की रिटेल बिक्री पिछले महीने की तुलना में 23% घट गई, वहीं तिपहिया वाहनों की बिक्री में 16% की गिरावट आई। 

लेकिन एक साल पहले की तुलना में, दोनों श्रेणियों की खुदरा बिक्री में क्रमशः 27% और 76% की वृद्धि हुई है।

ओला इलेक्ट्रिक एकमात्र प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनी रही जिसने बिक्री में क्रमिक वृद्धि दर्ज की। ओला इलेक्ट्रिक का 500 वां स्टोर श्रीनगर में खुल रहा है, कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की।

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