भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार देश में अप्रैल से जून के बीच सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ेगी, और हीटवेव वाले दिनों की संख्या भी अधिक रहेगी। विशेष रूप से मध्य और पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानों में अधिक लू चलेगी।
बुधवार को राजस्थान में गंभीर लू की स्थिति देखी गई, वहीं दिल्ली ने अप्रैल में पिछले तीन सालों में सबसे अधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया। राजस्थान के बाड़मेर जिले में 46.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया किया गया, जो राज्य में सबसे अधिक था। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 5.6 डिग्री से अधिक था। आईएमडी के अनुसार 2024 और 2023 में न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा था।
पिछला साल 2024 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल था, और हो सकता है साल 2025 उसका भी रिकॉर्ड तोड़ दे। पिछले साल मई के महीने में दिल्ली के एक वेदर स्टेशन ने 52 डिग्री से अधिक का तापमान दर्ज किया था। हालांकि बाद में आईएमडी ने इसे सेंसर की खराबी बताकर खारिज कर दिया था। लेकिन इस साल अप्रैल के दूसरे हफ्ते में ही तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है।
मौसम विभाग ने दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लिए हीटवेव अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान आदि राज्य भी भीषण गर्मी से प्रभावित हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच देश के अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। केवल पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य रहने का अनुमान है।
आमतौर पर इन तीन महीनों के दौरान भारत में 4 से 7 हीटवेव के दिन होते हैं। लेकिन इस साल 6 से 10 दिन लू के हो सकते हैं, कुछ राज्यों में 10 से 11 दिनों के दौरान अत्यधिक गर्मी रहने की उम्मीद है। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्से शामिल हैं।
इसके अलावा राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी भागों में हीटवेव के दिन सामान्य से अधिक हो सकते हैं।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक गर्मी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों पर खतरा अधिक है। गर्मी से संबंधित बीमारियों में मांसपेशियों में ऐंठन, थकावट और हीटस्ट्रोक शामिल हैं। इन स्थितियों में चक्कर आना, मतली, भ्रम, दिल की धड़कन तेज हो जाना और यहां तक कि दौरे पड़ने जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबरेटिव की एक हालिया रिपोर्ट में पाया गया कि भारतीय शहर अत्यधिक गर्मी के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि कुछ अल्पकालिक उपाय किए जा सकते हैं, लेकिन हीटवेव से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों का अभाव है, जिसके कारण मौतों का खतरा बढ़ जाता है।जलवायु विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि भारत, अबतक जिसका तापमान अन्य देशों के मुकाबले धीमी गति से बढ़ा है, अब अगले दो से चार दशकों में तेजी से गर्म होगा।
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