तिलाड़ी विद्रोह की 92वीं बरसी, आज भी जंगल और वन अधिकारों का वही संघर्ष
उत्तराखंड के तिलाड़ी विद्रोह के 92 साल बाद आज भी लोग वनाधिकारों के लिये लड़
उत्तराखंड के तिलाड़ी विद्रोह के 92 साल बाद आज भी लोग वनाधिकारों के लिये लड़
दुनिया के वैज्ञानिक और शोधकर्ता कह रहे हैं कि हीटवेव सबसे घातक आपदाओं का रूप
पिछले 122 साल के इतिहास में इस साल मार्च के महीने में सबसे अधिक तापमान
विश्व अभी भी अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन (कोयला, गैस
पानी में घुली आर्सेनिक से जुड़ी बीमारियां हर साल हजारों लोगों की जान ले रही
भारत के 20 राज्यों के भूजल में आर्सेनिक की समस्या है लेकिन यूपी, बिहार, झारखंड,
यूपी के लखीमपुर खीरी ज़िले में बहने वाली एक छोटी सी धारा पिछले कुछ सालों
उत्तराखंड के चुनावों में एक बार फिर पर्यावरण और क्लाइमेट के वह सवाल गायब हैं
क्लीन एयर प्रोग्राम लॉन्च किये जाने के करीब तीन साल बाद भी इसके तहत आने
जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से परेशान विकासशील देशों ने क्लाइमेट फाइनेंस पर विकसित देशों