एक नए अध्ययन से पता चला है कि महामारी से पहले वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के संपर्क में आने वाले लोगों पर कोविड-19 के टीके कम असरदार होते हैं।
स्पेन में बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ और जर्मन ट्रायस आई पुजोल रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पाया है कि सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम 2.5), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ 2) और ब्लैंक कार्बन (बीसी) के संपर्क में आने से, ऐसे लोगों में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया लगभग 10 प्रतिशत कम होती है जो पहले कोविड से संक्रमित नहीं हुए हैं।
चूंकि संक्रमित हो चुके लोगों में टीका अधिक असरदार होता है, इसलिए उनपर प्रदूषकों का उतना प्रभाव नहीं देखा गया।
हालांकि, लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हाइब्रिड इम्युनिटी पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बारे में और जांच की जानी चाहिए, शोधकर्ताओं ने कहा।
पहले भी कई अध्ययनों में पाया गया है कि वायु प्रदूषक इम्यून रिस्पांस को कम करते हैं।
नासा ने लांच किया अंतरिक्ष से वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाला डिवाइस
नासा ने एक नया उपकरण स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा है जो उत्तरी अमेरिका में वायु प्रदूषण को ट्रैक कर सकता है।
ट्रोपोस्फेरिक इमिशंस मॉनिटरिंग ऑफ़ पॉल्यूशन, या टेम्पो, एक ऐसा उपकरण है जो अंतरिक्ष से वायु प्रदूषकों और उनके उत्सर्जन स्रोतों की निगरानी पहले से कहीं अधिक व्यापक रूप से करेगा।
टेम्पो के प्रोजेक्ट मैनेजर केविन डॉटर्टी के अनुसार, यह उपकरण पूरे उत्तरी अमेरिका में दिन के समय हर घंटे प्रदूषण और वायु गुणवत्ता को मापेगा।
मौजूदा उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में हैं, जिसका अर्थ है कि वह एक निश्चित समय पर दिन में केवल एक बार डेटा प्रदान कर सकते हैं।
मुंबई में प्रदूषण रोकने का वार्ड-स्तरीय प्लान जारी
बृहन्मुम्बई महानगरपालिका ने एक सात-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति द्वारा वायु प्रदूषण रोकने के तरीकों के सुझावों के आधार पर वार्ड-स्तरीय एक्शन प्लान तैयार किया है।
बीएमसी ने 29 मार्च को जारी एक सर्कुलर में कहा था कि वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वार्ड-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
प्रशासन ने वार्ड अधिकारियों को निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर की जाने वाली कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए महीने में दो बार एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है।
विशेषज्ञों की समिति ने अपनी ‘मुंबई वायु प्रदूषण शमन योजना’ में निर्माण गतिविधियों को प्रदूषण का प्राथमिक कारण बताया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सॉलिड वेस्ट को खुले में जलाना; होटलों, भोजनालयों, बेकरियों और घरों में इस्तेमाल होने वाला अशुद्ध ईंधन; श्मशान घाटों से निकलने वाला धुआं, वाहनों का उत्सर्जन और सड़क की धूल मुंबई की बिगड़ती वायु गुणवत्ता में योगदान करते हैं।
दिल्ली सरकार ने विभागों से समर एक्शन प्लान बनाने को कहा
दिल्ली सरकार ने सभी संबंधित विभागों को गर्मी के मौसम में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अपनी-अपनी योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार सड़क की धूल, औद्योगिक प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, वृक्षारोपण और प्रत्यारोपण, खुले में कचरा जलाना, शहर के जंगलों, शहरी खेती, जल निकायों और पार्कों के कायाकल्प सहित 16 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
राय ने कहा कि रियल टाइम डेटा के आधार पर राज्य सरकार पड़ोसी राज्यों से भी प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कार्रवाई करने को कहेगी।
दिल्ली सरकार ने पिछले साल पहली बार वायु प्रदूषण की जांच के लिए समर एक्शन प्लान लागू किया था।
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