पावर कंपनियों को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार प्रदूषण नियंत्रक टेक्नोलॉजी के लिये और समय मांग रही कंपनियों की अपील इस बार ठुकरा दी है | Photo: Business Standard

क्लीन एयर टेक्नोलॉजी: सुप्रीम कोर्ट ने बिजली कंपनियों की मांग ठुकराई

सुप्रीम कोर्ट ने कोयला बिजलीघरों की उस मांग को ठुकरा दिया है जिसमें प्रदूषण नियंत्रक टेक्नोलॉजी के लिये तय डेडलाइन को 2 साल और बढ़ाने को कहा गया था। कोयला बिजलीघरों को चिमनियों पर सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2) को रोकने के लिये उपाय (FGD टेक्नोलॉजी) करने थे। ये कोयला बिजलीघर पहले ही कोर्ट से दो किश्तों में 5 साल का एक्सटेंशन ले चुके हैं लेकिन अब भी माना जा रहा है कि देश भर में कम से कम 50% बिजलीघर 2022 की समय सीमा का पालन भी नहीं कर पायेंगे। कंपनियों ने कोर्ट में इस देरी के लिये टेक्नोलॉजी की ऊंची कीमत और “तकनीकी दुशवारियों” का हवाला दिया था। इस बार कोर्ट ने समय सीमा को और बढ़ाने से मना कर दिया है।


शहरों की प्रदूषण नियंत्रण योजना में क्षेत्रीय तालमेल का ज़िक्र नहीं

एक नये अध्ययन में पाया गया है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) में शामिल 102 शहरों के पास कोई क्षेत्रीय तालमेल का मैकेनिज्म नहीं है जिससे शहर की सीमाओं पर प्रभावी तरीके से वायु प्रदूषण रोका जाये। दिल्ली स्थित रिसर्च संस्था काउंसिल ऑन एनर्जी इनवायरेन्मेंट एंड वॉटर (CEEW) के अध्ययन में यह बात सामने आयी है। यह शोध बताता है कि राज्यों ने भी बिना प्रदूषण उत्सर्जन के स्रोतों को नियंत्रित किये प्लान लागू कर दिये हैं।

जानकार बताते हैं कि किसी शहर में सीमा के बाहर से 30% तक प्रदूषण आता है। सीमा के बाहर मौजूद प्रदूषण का स्रोत शहर की हवा में 50% प्रदूषण का कारण बन सकता है। मिसाल के तौर पर अक्टूबर के महीने में दिल्ली के प्रदूषण में पड़ोसी हरियाणा, पंजाब औऱ यूपी जैसे राज्यों  में फसल की पराली जलाने से निकलने वाला धुंआं प्रदूषण की बड़ी वजह होता है। देश के प्रदूषित महानगरों की हवा साफ करने के लिये NCAP को जनवरी 2019 में बड़े इंतज़ार के बाद शुरू किया गया लेकिन इसके कमज़ोर प्रावधानों के कारण यह सवालों के घेरे में है। 

 BS-IV कार बिक्री: सुप्रीम कोर्ट ने कार डीलरों को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो डीलरों को इस बात के लिये फटकारा है कि उन्होंने कोर्ट के 27 मार्च के उस आदेश की अवहेलना की जिसके तहत कार डीलरों को BS-VI वाहनों के मॉडल बेचने के लिये 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया था। अदालत ने डीलरों को दिल्ली में 1.05 लाख कारों को बेचने और रजिस्टर करने की अनुमति दी थी लेकिन अदालत को बताया गया कि डीलरों ने इस बीच 2.55 लाख कारें बेचीं।  

कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन से वाहन बिक्री और पंजीकरण की जानकारी मांगी है और केंद्र सरकार से भी कहा है कि यह बताया जाये कि 27 मार्च के आदेश के बाद कितने वाहन बिके और रजिस्टर हुए। इस साल पहली अप्रैल से भारत ने महानगरों में दुनिया की सबसे क्लीन BS-VI टेक्नोलॉजी (यूरो – VI) अपना ली है।

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