भारत की सबसे बड़ी फूड डिलीवरी सेवाओं में से एक ज़ोमेटो ने घोषणा की है कि साल 2030 तक उसके सभी वाहन पूरी तरह इलैक्ट्रिक (ईवी) होंगे और इससे कंपनी का कार्बन फुट प्रिंट कम होगा। कंपनी का यह कदम ईवी100 कलेक्टिव का हिस्सा बनने की योजना के तहत है जिसमें अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां क्लाइमेट एक्शन को सपोर्ट करने के लिये पूरी तरह ईवी वाहनों का इस्तेमाल करेंगी। ज़ोमेटो दिल्ली में अपनी 35% डिलीवरी साइकिलों से करता है और मुंबई और बैंगलुरू को मिला दें तो कुल 20% डिलीवरी साइकिलों से है।
इसी बीच सरकार ने फेम-II योजना के तहत इलैक्ट्रिक दुपहिया और तिपहिया वाहनों पर सब्सिडी 50% बढ़ा दी है। यानी अब यह 10,000 रु प्रति किलोवॉट घंटा से बढ़कर 15,000 रु प्रति किलोवॉट घंटा हो गई है।
सड़कों पर बैटरी वाहनों की संख्या बढ़ाने की कोशिश
कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड (सीईएसएल) ने ऐलान किया है कि वह अगले कुछ सालों में बैटरी निर्माता कंपनियों से कुल 5 लाख दुपहिया और तिपहिया वाहन खरीदेगी। सीईएसएल बिजली मंत्रालय के तहत काम करने वाली एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईएसएल) से जुड़ी है। इन वाहनों को खरीदने के पीछे सोच यह है कि जब सड़कों पर ये इलैक्ट्रिक वाहन दिखेंगे तो लोगों में इनके प्रति उत्सुकता बढ़ेगी और बाज़ार ज़ोर पकड़ेगा। कायनैटिक ग्रीन एनर्जी, हीरो इलैक्ट्रिक, महिन्द्रा इलैक्ट्रिक मोबिलिटी और पावर सोल्यूशंस जैसी कंपनियों ने कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड को ईवी सप्लाई करने में दिलचस्पी दिखाई है। सीईएसएल ने यह भी कहा है कि वह नगरपालिकाओं को कचरा इकट्ठा करने के लिये किराये पर बैटरी वाहन देना चाहती है।