दिल्ली के खतरनाक प्रदूषण स्तर से लड़ने और नागरिकों को बैटरी वाहनों के फायदे समझाने के लिये मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 4 फरवरी से “स्विच दिल्ली” अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत शॉपिंग मॉल, मार्केट कॉम्प्लेक्स और रिहायशी कॉलोनियों को ईवी चार्जर लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रशासन ने राजधानी में 100 जगहों पर 500 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने का टेंडर निकाला है। दिल्ली सरकार का कहना है कि अब 6 महीनों के अंदर वह सभी विभागों के लिये बैटरी कार ही लेना शुरू करेगी।
आईआईटी स्टार्ट अप ने विकसित की ज़िंक आधारित बैटरी
आईआईटी कानपुर में एक स्टार्ट अप ने ज़िंक आधारित बैटरी विकसित की है जिसे बड़ी शेल जैसी बड़ी कंपनियां लीथियम आयन बैटरी का सुरक्षित और सस्ता विकल्प मान रही हैं। इस स्टार्टअप का नाम ऑफग्रिड एनर्ज़ी लैब है और इसने कृषि और जानवरों के चारे में इस्तेमाल होने वाले नमक के बिना सॉल्वेंट वाले ज़िंक जेल विकसित किया है जो बैटरी के लिये इलैक्ट्रोलाइट की तरह काम करता है। इसमें आग नहीं लगती, तापमान का असर नहीं पड़ता और इसे रखने के लिये साफ और सूखे कमरे नहीं चाहिये जिससे इसकी कीमत 35% तक कम है।
फोर्ड ने किया जीएम के साथ जंग का ऐलान
जनरल मोटर्स की कड़ी प्रतिद्वंदी फोर्ड मोटर कंपनी भी बैटरी वाहनों के उस ईवी मॉडल पर – खासतौर से पिकअप ट्रक, व्यवसायिक वाहन और एसयूवी पर निशाना साधने के लिये – साल 2025 तक 2,200 करोड़ अमेरिकी डॉलर निवेश करेगी। फोर्ड ने मस्तंग मैक ई के साथ बैटरी कारों की दुनिया में सफल प्रयोग किया है। इसकी नई फंडिंग रणनीति इलैक्ट्रिक और आटोमेटिक वाहनों की दुनिया में 2,900 करोड़ निवेश का हिस्सा है।
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