भारत के पूर्वी तट पर आये चक्रवाती तूफान अम्फान में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई। इसमें कम से कम 86 लोगों की मौत भारत में हुई और 25 से अधिक बांग्लादेश में मारे गये। पिछले हफ्ते आये इस तूफान ने पश्चिम बंगाल में ज़िन्दगी अस्त-व्यस्त कर दी और लाखों बेघर हो गये। राज्य के 24 दक्षिण परगना में इसका सबसे अधिक असर हुआ जहां यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल सुंदरवन का इलाका है। अधिकारियों का कहना है कि इस चक्रवात की रफ्तार 150-160 किलोमीटर प्रतिघंटा थी और इससे 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुये हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवातों की तीव्रता बढ़ने की वजह जलवायु परिवर्तन है। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से समंदर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ रहा है और ऐसे विनाशकारी तूफानों की मारक क्षमता और संख्या बढ़ रही है।
नया सिरदर्द, फिर टिड्डियों का हमला
जयपुर के आकाश में सोमवार को टिड्डियों के विशाल झुंड दिखाई दिये। राजस्थान के 33 में से आधे ज़िलों में इनका आतंक है। ये टिड्डियां अप्रैल में पाकिस्तान के रास्ते भारत में दाखिल हुईं। मध्य प्रदेश में भी टिड्डियों का पिछले 27 साल में सबसे बड़ा हमला हुआ है। जानकारों का कहना है कि इस हमले पर काबू नहीं पाया गया तो 8000 करोड़ की मूंग की फसल बर्बाद हो जायेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर के 17 ज़िलों में अलर्ट जारी कर दिया है।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने की सामान्य से ताकतवर तूफानों की भविष्यवाणी
अमेरिका में चक्रवाती तूफान को हैरिकेन कहा जाता है और साल का वह वक्त शुरू हो रहा है जब हैरिकेन महसूस किये जाते हैं। यहां नेशनल ओशिनिक एंड एटमोस्फिरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के जलवायु पर पूर्वानुमान करने वाले सेंटर ने कहा है कि इस साल जिन 13-19 तूफानों का नामकरण किया गया है वह सामान्य से अधिक तीव्रता वाले होंगे। सेंट्रल मिशिगन के इलाके में बाढ़ का पानी घटने के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। यह पानी क्षेत्र के दो बांधों से निकल कर यहां भर गया था और हज़ारों लोगों को घरों से हटाना पड़ा। पानी रिहायशी इलाकों के अलावा रसायन बनाने वाली डाउ केमिकल्स के प्लांट में भी भर गया।
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