बैन करें कि ना करें: करोना के उफान के डर के बीच राज्य सरकारें और अदालतें दीवाली के दौरान पटाखों पर पाबंदी लगाने के ऊहापोह में फँसी | Photo: Rozana Spokesman

फिर घातक वायु प्रदूषण की गिरफ्त में उत्तर भारत

उत्तर भारत एक बार फिर से घातक प्रदूषण की गिरफ्त में है। हर साल अक्टूबर-नवंबर में एक वक्त आता है जब उत्तर भारत के शहरों में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस हफ्ते लगातार दिल्ली के ज़्यादातर इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स अति हानिकारक (हजार्डस) स्तर पर था और आपातकालीन स्थिति बनी रही। कुछ जगहों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 700 से अधिक दर्ज किया गया। इसी तरह उत्तर भारत  और देश के कई शहरों में एयर क्वॉलिटी बहुत खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक इस दौरान पीएम 2.5 सबसे बड़ा प्रदूषक रहा है। गुड़गांव, नोयडा, फरीदाबाद और गाज़ियाबाद के लोनी इलाकों में प्रदूषण 500 के सूचकांक तक पहुंच गया।

पराली पर दोषारोपण, आपातकालीन कदम उठाये गये

इस बीच दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाया जाना जारी है। मंगलवार को ही पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई इलाकों में कुल 2247 घटनायें दर्ज की गईं और दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में इसका 22% हिस्सा था। बढ़ती नमी और हवा न बहने से हालात और खराब हुये। इस बीच ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के भीतर ट्रकों की आवाजाही से लेकर निर्माण कार्य पर पाबंदी लगा दी है। एयर क्वॉलिटी प्रबंधन आयोग ने भी लोगों से अपील की है कि वह निजी वाहनों का इस्तेमाल न करें। कमीशन ने प्रदूषित हवा के स्तर को और बिगड़ने से रोकने के लिये पानी के छिड़काव, बायोमास जलाने और निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन इस्तेमाल करने की सिफारिश की है।

दीवाली से पहले लगी पटाखों पर पाबंदी

दीपावली से पहले वायु प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर को देखते हुये नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर और देश के कई हिस्सों में पटाखों को बेचने और खरीदने पर पाबंदी लगा दी है। वायु प्रदूषण बढ़ने से कोरोना महामारी का ख़तरा भी बढ़ गया है जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। उड़ीसा, राजस्थान, सिक्किम और चंडीगढ़ में भी हालात को देखते हुये यह फैसले लिये गये और कोलकाता हाइकोर्ट ने भी पटाखों पर पाबंदी लगा दी।

आतिशबाज़ी पर कई राज्यों ने फैसला कर किया यू-टर्न

हरियाणा और कर्नाटक ने आतिशबाज़ी बेचने और जलाने पर पाबंदी के मामले में यू-टर्न किया है। पाबंदी की घोषणा के दो दिन बाद हरियाणा ने अब दो घंटे आतिशबाज़ी की इजाज़त दी है। कर्नाटक ने पटाखों पर रोक के कुछ घंटों बाद ही हरित पटाखे यानी “ग्रीन क्रेकर्स” की इजाज़त दे दी। यूपी ने एनसीआर क्षेत्र के साथ लखनऊ, कानपुर और आगरा जैसे शहरों में पटाखे जलाने पर रोक लगाई लेकिन जहां ‘मॉडरेट’ और ‘बैटर’ हो वहां पटाखे जलाने की इजाज़त दी है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे वे लोगों से अपील की है कि वह स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये आतिशबाज़ी न करें। मुंबई में बीएमसी ने मुंबई म्युनिस्पल कॉर्पोरेशन की सीमाओं के भीतर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाई है।

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