पर्यावरण के लिये: गोवावासी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही उन योजनाओं का विरोध कर रहे हैं जिनके लिये एक अभ्यारण्य की ज़मीन ली जा रही है और कई हज़ार पेड़ काटे जायेगें | Photo: The Logical Indian

गोवा में वन्य अभ्यारण्य को बचाने के लिये प्रदर्शन

गोवा के लोग केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित तीन प्रोजेक्ट्स का जमकर विरोध कर रहे हैं।  इनमें एक रेल ट्रैक को डबल करने, एक हाइवे चौड़ीकरण और एक पावर लाइन प्रोजेक्ट है। यह योजनाएं गोवा की सबसे पुरानी भगवान महावीर वाइल्ड लाइफ सेंक्चयुरी और मोलेम नेशनल पार्क से होकर जायेंगी। ये सेंक्चयुरी गोवा की पूर्वी सीमा पर कुल 240 वर्ग किलोमीटर पर फैली है। इन योजनाओं से हज़ारों पेड़ कटेंगे और 170 हेक्टेयर जंगल नष्ट होगा। ऐसा लगता है कि लोगों के तीखे विरोध के बाद गोवा  के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपना रुख नरम किया है।    

गैरकानूनी तरीके से चल रहा बाघजन ऑइल फील्ड

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की एक कमेटी ने कहा है कि असम के तिनसुकिया में बाघजन आइल फील्ड गैरकानूनी तरीके से चल रहा था। जब इस साल 27 मई को वहां आग लगी तो उसके पास ज़रूरी पर्यावरण अनुमति नहीं थी जबकि ऑइल इंडिया का दावा रहा है कि डिब्रू सैंखोवा नेशनल पार्क के पास चल रहे इस ऑइल फील्ड में उसके पास सभी पर्यावरण क्लीयरेंस हैं। कमेटी ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कार्रवाई करने की सिफारिश की है।

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